नई दिल्ली: यूरोप के आठ देशों ने कोविशील्ड वैक्सीन को डिजिटल सर्टिफिकेट के तौर पर मंजूरी दे दी है. यानी कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड को ग्रीन पासपोर्ट में शामिल कर लिया गया है. इन देशों में ऑस्ट्रिया, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, सोल्वेनिया, ग्रीस, आइसलैंड, आयरलैंड और स्पेन शामिल हैं. 


ग्रीन पासपोर्ट के तहत उन लोगों को इन देशों की अंदर यात्रा पाबंदियों से छूट होगी जिन्होंने यूरोपीय चिकित्सा एजेंसी (ईएमए) द्वारा अधिकृत टीके लगवाए हैं. असल में कोविशील्ड को अब तक यूरोपियन यूनियन ने मंजूरी नहीं दी थी, जिससे भारतीयों को फिलहाल यूरोप जाने के लिए ग्रीन पास नहीं था. यूरोपियन यूनियन ने एक जुलाई से ग्रीन पास सिस्टम की शुरू कर दिया है.


कोविशील्ड का निर्माण भारत में दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन बनाने वाले सीरम संस्थान द्वारा किया जाता है. कोविशील्ड को फरवरी में आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूर किया गया था. भारत ने अब तक उपलब्ध तीन वैक्सीन में से सबसे अधिक कोविशील्ड वैक्सीन ही दी जा रही है. अब तक देश में दी गई कुल 33 वैक्सीन में से अकेले कोविशील्ड वैक्सीन ही 28 करोड़ से अधिक लोगों को दी जा चुकी है.


कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ की मंजूरी नहीं
वहीं दूसरी ओर कोवैक्सीन एक भारतीय घरेलू टीका है, जिसे अभी तक डब्ल्यूएचओ की मंजूरी नहीं मिली है. इस वैक्सीन के लिए भी ईएमए प्राधिकरण के लिए आवेदन नहीं किया है. स्पुतनिक वी, जो भारत में और डब्ल्यूएचओ द्वारा उपयोग के लिए स्वीकृत तीसरा टीका है लेकिन आपूर्ति में देरी के कारण इसे भारत में अभी तक रोल आउट नहीं किया जा सका है.


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