मुंबई: महाराष्ट्र में औरंगाबाद का नाम बदले जाने को लेकर सियासी वाकयुद्ध जारी है. इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि सेक्युलरिज्म की हमारी विचारधारा में औरंगजेब कहीं फिट नहीं बैठते हैं.

उद्धव ठाकरे ने कहा, ''औरंगजेब धर्मनिरपेक्ष नहीं था इसलिए औरंगजेब धर्मनिरपेक्ष एजेंडे में फिट नहीं बैठता है.''

दरअसल, पिछले दिनों महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के एक ट्वीट में औरंगाबाद का जिक्र संभाजीनगर के तौर पर किया गया था. इसकी कांग्रेस नेताओं ने आलोचना की थी. कांग्रेस शिवसेना की नेतृत्व वाली सरकार में शामिल है.

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और कांग्रेस की प्रदेश इकाई के प्रमुख बालासाहेब थोराट ने कहा है कि उनकी पार्टी औरंगाबाद का नाम बदले जाने के कदम का कड़ा विरोध करेगी.

थोराट ने कहा था कि सूचना और प्रसार निदेशालय को खुद से नाम नहीं बदलना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह याद रखना चाहिए कि आधिकारिक काम एक कानूनी दस्तावेज होता है.

यहां ध्यान रहे कि शिवसेना पिछले कुछ दशकों से मांग कर रही है कि औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर रखा जाए. संभाजी, छत्रपति शिवाजी के बड़े बेटे थे. वहीं मुगल काल में दक्कन प्रांत का मुख्यालय रहे औरंगाबाद का नाम मुगल शासक औरंगजेब के नाम पर रखा गया था.

नाम को लेकर जारी विवाद के बीच आज ही शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि क्या सरकारी दस्तावेजों में छत्रपति संभाजी महाराज के नाम का इस्तेमाल करना अपराध है? यह लोगों की भावनाओं से जुड़ा है और सरकार लोगों की भावनाओं पर चलती है.

राउत ने कहा कि शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे द्वारा औरंगाबाद शहर को संभाजीनगर नाम दिया गया था. उन्होंने कहा, ‘‘यह ऐसा ही रहेगा.’’

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