Ashraf Ahmed Shot Dead News: माफिया और नेता रहे अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की शनिवार (15 अप्रैल) को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई. वारदात के बाद से प्रयागराज में हाई अलर्ट है. प्रदेश के सभी जोन, कमिश्नरेट और जिलों को भी अलर्ट किया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. तीन सदस्यीय ज्यूडिशियल कमीशन (न्यायिक जांच आयोग) के गठन का भी निर्देश सीएम ने दिया है. वहीं, घटना के बाद उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है. कानून व्यवस्था के मद्देनजर प्रयागराज में पर्याप्त पुलिस बल को तैनात किया गया है.


सीएम योगी ने प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर को किसी भी उपद्रव से कड़ाई से निपटने का निर्देश दिया है. वहीं, अल्पसंख्यक बाहुल्य जिलों के पुलिस अधीक्षकों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा शासन-प्रशासन ने अफवाह फैलाने वालों और भड़काऊ पोस्ट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है. आखिर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को किस वक्त, कौन सी जगह और किसने मारी गोली, उस वक्त अतीक और अशरफ कर क्या रहे थे, आइये जानते हैं. 


किस वक्‍त हुई वारदात?


गैंगस्टर से नेता बने 60 वर्षीय अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को शनिवार रात करीब 10 बजे गोली मारी गई. वारदात कैमरे में दर्ज हो गई क्योंकि उस समय पुलिस दोनों को मेडिकल जांच के लिए ले जा रही थी और मीडियाकर्मी साथ में चल रहे थे.


किस जगह मारी गई गोली?


जानकारी के मुताबिक, अतीक अहमद और उसके भाई को हमलावरों ने कॉल्विन अस्पताल के पास गोलियां मारी, जिसके चलते दोनों की मौत हो गई. इसके बाद मौके पर हड़कंप मच गया. पुलिस की सुरक्षा पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. वारदात के वीडियो फुटेज में तीन हमलावर अतीक और अशरफ को गोली मारते नजर आ रहे हैं. गोली लगते ही दोनों जमीन पर गिर पड़ते हैं. इसके बाद दोनों के शव घटनास्थल से ले जाए जाते हैं.  


किसने मारी गोली?


सूत्रों के हवाले पता चला है कि अतीक और अशरफ अहमद पर जिन हमलावरों ने गोलियां बरसाईं, उनके नाम सनी, अरुण मौर्या और लवलेश तिवारी हैं. सनी कासगंज का रहने वाला बताया गया है, अरुण मौर्या हमीरपुर का है जबकि लवलेश तिवारी बांदा का रहने वाला है. वारदात के बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया और उनसे पूछताछ की जा रही है.


वारदात से पहले क्या कर रहे थे अतीक और अशरफ?


एसीपी करेली श्‍वेताभ पांडेय ने बताया कि अतीक और अशरफ को रूटीन जांच के लिए अस्पताल लाया गया था, तभी वारदात को अंजाम दिया गया. जानकारी के मुताबिक, अतीक और अशरफ कॉल्विन अस्पताल के पास मीडिया से बात करने के लिए रुके थे. तभी वारदात हुई. वहीं, पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने बताया कि आवश्यक चिकित्सकीय जांच के लिए ले जाए जाते वक्त मीडियाकर्मी अतीक और अशरफ की बाइट ले रहे थे. प्राथमिक जानकारी के अनुसार तीन लोग मीडियाकर्मी बनकर आए और उन्होंने बाइट लेने का प्रयास किया और इसी दौरान उन्होंने गोलीबारी की.


मौके से मिला ये सामान


पुलिस के मुताबिक, घटनास्थल पर तीन पिस्तौल, एक मोटर साइकिल, एक वीडियो कैमरा और एक न्‍यूज चैनल का लोगो पड़ा मिला है. अंदेशा है कि तीनों हमलावर मीडियाकर्मी बनकर आए थे और घटना को अंजाम दिया. उन्होंने अपने गले में पहचान पत्र भी लटका रखे थे.


पुलिस आयुक्‍त ने कहा, ‘‘अतीक और अशरफ की हमले में मौत हो गई. इसके अलावा लखनऊ के एक पत्रकार को चोट आई है. उन्‍हें भागदौड़ की वजह से चोट आई है. इसके अलावा हमारे एक आरक्षी मानसिंह को गोली लगी है.''


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