Assembly Election 2023 News: पिछले महीने भारत निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम) में चुनाव की तारीखों की घोषणा की थी. घोषणा के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त का फोकस ज्यादा से ज्यादा मतदान पर था. उन्होंने लोगों से बढ़चढ़कर चुनाव में भाग लेने की अपील भी की थी. इसके लिए जागरूकता अभियान चलाने की भी बात कही गई थी.
यही नहीं, लोकतंत्र के इस पर्व में ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी सुनिश्चित हो सके इसके लिए चुनाव आयोग ने सचिन तेंदुलकर के अलावा अभिनेता राजकुमार यादव को अपना आइकन भी बनाया. अब कल (7 नवंबर) से यह मिजोरम और छत्तीसगढ़ में यह पर्व शुरू हो रहा है. ऐसे में देखना होगा कि इसमें वोटर कितना बढ़चढ़कर शामिल होते हैं. पर एक वोटर होने के नाते आपको कई अधिकार भी मिलते हैं. आइए जानते हैं विस्तार से.
सबसे पहले ये जानें कि कौन डाल सकता है वोट
वोट डालने के लिए 18 साल का होना अनिवार्य है. भारत का निवासी कोई भी व्यक्ति जो 18 साल या उससे ऊपर का है, वोट डाल सकता है. उसे इसके लिए सबसे पहले अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज कराना होगा. जिस भी राज्य में उसका नाम मतदाता सूची में है, वो वहां के निकाय चुनाव से लेकर विधानसभा और लोकसभा चुनाव में वोट डाल सकता है.
1. प्रत्याशियों से जुड़ी जानकारी जानने का अधिकार
अगर आप वोटर हैं तो आपको उस निर्वाचन क्षेत्र में खड़े सभी प्रत्याशियों की पूरी जानकारी लेने का अधिकार मिलता है. यह अधिकार आपको भारतीय संविधान में धारा 19 के तहत मिलता है. इस अधिकार के जरिये आप प्रत्याशियों के चुनावी घोषणा पत्र, उसके वित्तीय लेखा-जोखा और आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में पता कर सकते हैं.
2. अशक्त मतदाताओं को अधिकार
ऐसे मतदाता जो शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं, उन्हें विशेष अधिकार मिला हुआ है. ऐसे मतदाता चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार, डाक मतपत्र से वोट डाल सकते हैं. यह पूरी प्रक्रिया चुनाव अधिकारी कराता है.
3. अप्रवासी भारतीयों के लिए भी अधिकार
ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत में रहने वाला ही वोट डाल सकता है. अगर आप अप्रवासी भारतीय हैं, तो भी आप वोट डाल सकते हैं. हालांकि इसके लिए आपको चुनाव आयोग में अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
4. इनमें से कोई नहीं (NOTA) का अधिकार
वोटिंग में मतदाताओं को किसी भी मतदाता को न चुनने का भी अधिकार मिलता है. अगर उसे कोई प्रत्याशी पसंद नहीं है तो वह नोटा का इस्तेमाल कर सकता है. चुनाव आयोग इसका डेटा रखता है कि कितने लोगों ने नोटा का इस्तेमाल किया.
ये नहीं डाल सकते वोट
अगर आपका नाम बेशक वोटर लिस्ट में हो, लेकिन आप जनप्रतिनिधि कानून 1951 की धारा 62(5) के तहत न्यायिक हिरासत में हैं या फिर किसी अपराध के लिए सजा काट रहे हैं, तो आप वोट नहीं दे सकते हैं.
इस तरह आप हो सकते हैं अयोग्य
भारतीय संविधान में बताया गया है कि यदि कोई शख्स आईपीसी की धारा 17 1E (रिश्वत संबंधी) के अंतर्गत या 17 1F (चुनाव पर अनुचित प्रभाव) का दोषी करार दिया जाता है, तो वह वोट नहीं डाल सकता. उससे वोटिंग अधिकार छिन जाते हैं. इसके अलावा अगर आप एक से अधिक क्षेत्र में वोट डालते हैं तो वोटिंग से वंचित हो सकते हैं.
वोट डालने के लिए सिर्फ 6 बजे तक का ही समय नहीं
आप अक्सर ये सुनते होंगे कि वोटिंग सुबह 7 से शाम 6 बजे तक होगी. पर इसका मतलब ये नहीं कि 6 बजते ही मतदान बंद हो जाएगा. अगर आप 6 बजे से पहले वोट डालने की लाइन में लग गए हैं और लाइन लंबी है तो जब तक वह लाइन खत्म नहीं होगी वोटिंग चालू रहेगी. भले ही लाइन खत्म होने में रात के 8 या 9 ही क्यों न बज जाएं. आपको ये कहकर वोट डालने से नहीं रोका जा सकता कि टाइम खत्म हो चुका है.
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