Srinivas BV Row: भारतीय युवा कांग्रेस (IYC) के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. असम पुलिस (Assam Police) की एक टीम रविवार (23 अप्रैल) को बेंगलुरु में श्रीनिवास बीवी और उनके चाचा के घर पर पहुंची. श्रीनिवास के खिलाफ असम यूथ कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष अंगकिता दत्ता (Angkita Dutta) की ओर से उत्पीड़न और लैंगिक भेदभाव के आरोपों के तहत मामला दर्ज करवाया गया है. असम पुलिस ने कांग्रेस नेता को इसी मामले के सिलसिले में पूछताछ के लिए दो मई तक पेश होने का आदेश दिया.
गुवाहाटी के संयुक्त आयुक्त और पुलिस उपायुक्त (ओपीएस) थुबे प्रतीक विजय कुमार ने कहा कि हम आरोपी श्रीनीवास बीवी के घर नोटिस देने आए थे. क्योंकि घर पर कोई मौजूद नहीं था इसलिए हमने नोटिस उनके ज्ञात घर के बाहर चस्पा कर दिया है और एक नोटिस उनके मूल स्थान भी भेजा है. एफआईआर के मुताबिक, आरोपी पिछले 6 महीने से पीड़ित को प्रताड़ित, दुर्व्यवहार और यौन शोषण कर रहा था.
असम पुलिस के अधिकारी क्या बोले?
बेंगलुरु में मौजूद गुवाहाटी पुलिस की टीम में शामिल थुबे ने कहा कि हमने उनको नोटिस दे दिया है और उनको जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए समय दिया है. जब वह आएंगे तब उनका बयान दर्ज करेंगे और अन्य विवरण की जानकारी लेंगे जो जांच में मदद करेगी. हमने सारी कानूनी प्रक्रिया का पालन किया है. हमने कार्नाटक पुलिस को पहले ही बता दिया था. असम पुलिस इसी सिलसिले में बेंगलुरु के बसवेश्वर नगर स्थित श्रीनिवास के चाचा आवास पर भी पहुंची.
श्रीनिवास की हो सकती है गिरफ्तारी
नोटिस में कहा गया है कि मामले की जांच के दौरान श्रीनिवास से पूछताछ करने के लिए उचित आधार सामने आए हैं, इसलिए उन्हें दो मई को सुबह 11 बजे जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है. श्रीनिवास को इस अवधि के दौरान अनुपालन के लिए 10 निर्देशों का एक सेट दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि वे सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे, जांच से संबंधित किसी भी सबूत को नष्ट नहीं करेंगे और जांच में भरपूर सहयोग करेंगे. इसमें कहा गया कि इस नोटिस की शर्तों का पालन करने में विफलता आपको सीआरपीसी की धारा 41ए(3) और (4) के तहत गिरफ्तारी के लिए उत्तरदायी बना सकती है.
अंगकिता दत्ता ने लगाए ये आरोप
कांग्रेस की असम युवा इकाई की पूर्व अध्यक्ष अंगकिता दत्ता को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए शनिवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था. उन्होंने दिसपुर थाने में एक मामला दर्ज कराया था, जिसमें दावा किया था कि श्रीनिवास पिछले छह महीनों से उन्हें परेशान और प्रताड़ित कर रहे हैं, अश्लील शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं और उन्हें धमकी भी दे रहे हैं कि अगर वह पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों से उनके खिलाफ शिकायत करेंगी, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे.
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