Lok Sabha Elections 2024: असम के कोकराझार लोकसभा सीट से दो बार निर्दलीय सांसद रहे नबा कुमार सरानिया उर्फ ​​हीरा सरानिया आदिवासी बहुल वाल्मीकिनगर संसदीय क्षेत्र से अपनी किस्मत आजमाएंगे. दरअसल, अप्रैल में कोकराझार (असम) के मौजूदा सांसद नबा कुमार सरानिया का नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया था.


नबा कुमार सरानिया ने 6 मई को वाल्मिकी नगर से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया, जो जांच में पास हो गया. वह 9 मई को उम्मीदवारी वापस लेने की तारीख खत्म होने के साथ, वह अब पटना से लगभग 300 किमी उत्तर पश्चिम में स्थित वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट क्षेत्र के लिए नौ अन्य उम्मीदवारों के साथ मैदान में उतरे हैं. यहां 25 मई को वोटिंग होनी है. इस बार सरनिया का मुकाबला वाल्मीकिनगर संसदीय क्षेत्र से जेडीयू के सुनील कुमार और आरजेडी के दीपक यादव से है.


जानिए कौन हैं नबा कुमार सरानिया?


नबा कुमार सरानिया उर्फ ​​हीरा सरानिया एक पूर्व उल्फा कमांडर है और उसकी वेबसाइट का दावा है कि उन्हें म्यांमार और अफगानिस्तान में आतंकवादी की ट्रेनिंग मिली है. वह शादीशुदा हैं और उनकी तीन बेटियां हैं. नबा कुमार पर असम में हत्या, हत्या के लिए अपहरण, फिरौती के लिए अपहरण, डकैती, आपराधिक साजिश, गैरकानूनी गतिविधियों, अवैध हथियार रखने, जमीन पर कब्जा करने, बेईमानी से चोरी की संपत्ति प्राप्त करने, स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाने और गायब करने से जुड़े कई मामले चल रहे हैं. सरानिया और उनके परिवार के पास 4.10 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति है.


कोकराझार सीट से नामांकन कर दिया गया था खारिज


कोकराझार से दो बार के निर्दलीय सांसद अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित सीट से तीसरी बार चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने साल 2019 में अपनी जीत के बाद एक राजनीतिक पार्टी - गण सुरक्षा पार्टी - भी बनाई थी. हालांकि, पिछले दो संसदीय चुनावों में उनकी आदिवासी स्थिति और दो अलग-अलग जनजातियों के प्रमाणपत्रों में गलतियों के कारण उनका नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया था. इसको लेकर नबा कुमार ने इसे गुवाहाटी हाई कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली.


मैंने हमेशा आदिवासियों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी- नबा कुमार


इस दौरान असम की कोकराझार लोकसभा सीट से 2 बार सांसद रह चुके नबा कुमार सरानिया का कहना है, “मैंने हमेशा आदिवासियों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर एक साजिश के तहत कोकराझार में मेरा नामांकन खारिज होने के बाद मेरे समर्थकों ने मुझे कहीं और से चुनाव लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया. इसलिए मैंने वाल्मिकी नगर से चुनाव लड़ने का फैसला किया है."


ये भी पढें: Varun Gandhi News: क्या होगा वरुण गांधी का भविष्य? मां मेनका गांधी ने दिया हैरान करने वाला जवाब