Assam Opposition Meeting: देश में अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. इस बार विपक्ष एकजुट होकर बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकने की रणनीति बना रहा है. इसी कड़ी में कांग्रेस ने असम में बीजेपी और उसके सहयोगियों का मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों को एक साथ लाने की बड़ी पहल की है. पार्टी ने हाल ही में असम के सभी विपक्षी दलों की बैठक बुलाई थी, जिसमें 10 दलों ने शिरकत की थी. 


इस बैठक में जातीय दल, अखिल गोगोई की रायजोर दल, माकपा, असम जातीय परिषद, भाकपा, भाकपा (माले), एनसीपी, लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी और राजद ने हिस्सा लिया था. कांग्रेस पार्टी ने खुद ट्वीट करके इस बैठक की जानकारी दी थी. बैठक के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेन बोरा ने कहा, "हमने वर्तमान राजनीतिक स्थिति और असम के लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर चर्चा की ताकि आगे बढ़ने की रणनीति तैयार की जा सके."


 






बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकजुटता


साल 2024 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस की असम इकाई ने राज्य में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों को एक साथ लाने की पहल की है. बैठक की जानकारी देते हुए भूपेन बोरा कहा, "हमने फैसला किया कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए और संविधान विरोधी और जनविरोधी बीजेपी को हराने के लिए एकजुट होकर लड़ना जरूरी है." उन्होंने कहा, "सभी 10 दलों के नेताओं ने 9 अप्रैल को एक राज्य स्तरीय बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया, जिसमें प्रत्येक दलों के जिला स्तर के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे.


कांग्रेस की बैठक से AIUDF का किनारा


इस बैठक में बदरुद्दीन अजमल की पार्टी ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) ने हिस्सा नहीं लिया था. 2021 में हुए विधानसभा चुनावों के बाद से कांग्रेस और AIUDF में दूरियां बढ़नी शुरू हुई थीं. जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने अजमल को बीजेपी का मुखपत्र बता दिया था. इसके बाद से ही दोनों दलों के रास्ते अलग-अलग हो गए थे. इस घटना पर बदरुद्दीन अजमल ने कहा था कि उनका यूपीए से कोई लेना-देना नहीं है.


बैठक में शामिल नहीं हुए ये दल


इस बैठक में एआईयूडीएफ (AIUDF) के अलावा टीएमसी और आम आदमी पार्टी भी शामिल नहीं हुई थी. कांग्रेस के असम प्रदेशाध्यक्ष बोरा ने इस मामले पर उनको ही दोषी ठहराया. बोरा ने कहा, "सही समय पर मौजूद नहीं रहने के लिए वह ही जिम्मेदार हैं." वहीं AIUDF ने इस बैठक से बीजेपी को ही फायदा बताया. एआईयूडीएफ के प्रवक्ता करीमुद्दीन बरभुइया ने शनिवार (11 मार्च) को संवाददाताओं से कहा था, "यह बीजेपी की सहायता करेगा."


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