Assam CM Himanta Biswa Sarma Exclusive: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा अक्सर अपनी तीखी बयानबाजी के चलते सुर्खियों में बने रहते हैं. मदरसों में बुलडोजर चलाना, कांग्रेस के टॉप नेताओं पर सीधे सवाल उठाना हो या मुस्लिम तुष्टिकरण को लेकर देश में छड़ी बहस.. हर मुद्दे पर अपनी बेबाक राय रखने से कभी पीछ नहीं हटते. यही वजह है कि पूर्वोत्तर में वह बीजेपी के सबसे कद्दावर नेताओं में शामिल हैं.


बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व भी इन दिनों दूसरे नेताओं की तुलना में हिमंता बिस्वा सरमा पर ज्यादा भरोसा दिखा रहा है. वह पूर्वोत्तर की क्षेत्रीय राजनीति से निकलकर राष्ट्रीय राजनीति के पटल पर अपनी पहचान बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में वह पूर्वोत्तर भारत में हिंदुत्व का सबसे बड़ा चेहरा बनकर उभरे हैं. ऐसे में एबीपी न्यूज ने असम के मुख्यमंत्री से बात की...


गुजरात में BJP चुनाव में फंसी हुई है?


हिमंता बिस्वा सरमा ने इस सवाल के जवाब में कहा कि देशभर के नेता गुजरात आ रहे हैं. सभी नेता गुजरात आ रहे हैं. हम भी आते हैं और यहां से सीख लेते हैं, जितनी मेरी सभा हो रही हैं उन सब में मैंने कहा गुजरात में मेरा वो दुस्साहस नहीं है कि मैं ये बोलो कि बीजेपी को वोट दो, लेकिन मैं इसलिए आया हूं की मैं आपसे सीख सकूं और असम में उसे लागू कर सकूं.


राहुल गांधी के गुजरात आने से कांग्रेस को फायदा होगा?


असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा, अच्छा अब वो आने वाले हैं? लोग चुनाव से दो तीन महीने पहले आते हैं और पार्टी के लिए माहौल बनाते हैं. राहुल गांधी चुनाव से कुछ दिन पहले ही अब आएंगे? 


राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा कांग्रेस को रास्ता साफ होगा? 


हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि जब हिमाचल में चुनाव होता है, तो वे केरल में होते है और जब गुजरात में चुनाव है तो वे महाराष्ट्र में हैं. जब उपचुनाव चल रहे थे तो वे आंध्र प्रदेश में थे. अब जब गुजरात में चुनाव में वे क्या करेंगे भगवान ही मालिक है.


गुजरात में अंतिम लक्ष्य क्या है ?


असम के सीएम बिस्वा सरमा ने कहा कि हमारा लक्ष्य गुजरात में एक ऐसी बड़ी विजय की अपेक्षा है, जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ होगा. गुजरात चुनाव में जीत के साथ इसका रास्ता साफ होगा.


PM मोदी के तीसरे कार्यकाल की नींव गुजरात से रखी जाएगी?


इस सवाल का जवाब देते हुए हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, जो होता है गुजरात से होता है. महात्मा गांधी ने भी गुजरात से लिए एक बड़ा आंदोलन शुरू किया था. बल्लभभाई पटेल, जिन्होंने देश को जोड़ा उनकी प्रेरणा भी गुजरात था और अब पीएम मोदी ने भारत को विश्व गुरु बनाने कि दिशा की और कदम बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि संविधान सभा को भारत के आगे “हिंदू राष्ट्र” लिखना चाहिए था, गुजरात का चुनाव मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने की नींव तैयार करने के लिए है.


समान नागरिक संहिता देश में कब लागू होगी?


हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि मुझे लगता है कि समय की बात उत्तरांचल में हमने अपने संकल्प पत्र में बोला हिमाचल में बोला हमारे देश में 1 पुरुष को तीन चार पांच शादी करने की इजाज़त नहीं होनी चाहिए. साथ ही हमारी बेटियों को उनको संपत्ति में समान अधिकार मिलना चाहिए. समान नागरिकता संहिता का क्या मतलब है? यही सब है अब इसमें किसी हिंदू-मुसलमान को आपत्ति नहीं होनी चाहिए. 


समान नागरिक संहिता देश में कब लागू होगी?


हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि मुझे लगता है कि समय की बात उत्तरांचल में हमने अपने संकल्प पत्र में बोला हिमाचल में बोला हमारे देश में 1 पुरुष को तीन चार पांच शादी करने की इजाज़त नहीं होनी चाहिए. साथ ही हमारी बेटियों को उनको संपत्ति में समान अधिकार मिलना चाहिए. समान नागरिकता संहिता का क्या मतलब है? यही सब है अब इसमें किसी हिंदू-मुसलमान को आपत्ति नहीं होनी चाहिए. 


सीमापार से घुसपैठ पर टीएमसी का समर्थन? 


असम के सीएम हिमंत सरमा ने कहा कि बांग्लादेश से जो लोग आते हैं, वो डेमोग्राफिक में बदलाव कर देते हैं. मैं नहीं मानता कि कोई भी मुख्यमंत्री हो जाए हेमंत बिस्वा सरमा हो या ममता बनर्जी हो ऐसी चीज़ को अनुमति दे सकता है. आज पश्चिम बंगाल में बंगाली शब्दों का और जो मूलभूत बंगाली की समस्या का सामना कर रहे हैं. आज बंगाल कई चुनौतियों का सामना कर रहा है. असम में इस समय हमारी पापुलेशन ऑलमोस्ट 55% रह गयी है. इसे जल्द ठीक करना होगा.


क्या इस सब का इलाज हिंदू राष्ट्र है?


इसके जवाब हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि संविधान में जो है वो ठीक है. हमारे सनातन लोग था, वही सबसे ब्यूटी था. हमारा देश पुराना सनातन हिंदू है. देश की संविधान सभा ने जो संविधान बनाया है वहीं देश का संविधान है. संविधान बनाने वालों के पास मौक़ा था कि वो उस समय संविधान में हिंदू भी लिख देते, लेकिन हिंदू करेक्टर से सर्वधर्म संभाव स्वभाव वाले हैं. इसलिए उन्होंने संविधान में ये नहीं लिखा, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि भारत हिंदू राष्ट्र नहीं है. इसकी शुरुआत हज़ारों वर्ष पहले हुई थी भारत बोलने से इसका मतलब है की हिंदू संस्कृति ही भारत है. 


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