Assam Government: असम सरकार ने शनिवार (10 फरवरी) को एक ऐसे विधेयक को मंजूरी दे दी, जो चिकित्सा के नाम पर 'जादुई उपचार' को गैरकानूनी घोषित करेगा और इस कृत्य में शामिल किसी भी व्यक्ति के लिए कठोर दंड का सुझाव देगा. यह निर्णय शनिवार रात मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया. मंत्रिस्तरीय परिषद ने असम उपचार (बुराइयों की रोकथाम) प्रथा विधेयक, 2024 को अपनाया. 


इस विधेयक का प्राथमिक लक्ष्य बहरापन, गूंगापन, अंधापन, शारीरिक विकृति और ऑटिज्म जैसी कुछ जन्मजात बीमारियों के इलाज के नाम पर जादुई उपचार को प्रतिबंधित और खत्‍म करना है. असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, "यह विधेयक ऐसे उपचार पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाएगा और इलाज के नाम पर गरीबों और इसमें वंचित लोगों से पैसे वसूलकर उन्‍हें ठगने वाले 'चिकित्सकों' के खिलाफ कड़ी दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान होगा."


राज्य-स्तरीय संचालन समिति करेगी निगरानी
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि कैबिनेट ने राज्य नगरपालिका कैडर में बदलाव लागू करने का भी फैसला किया है. उन्होंने सतत विकास पर एक विशिष्ट कार्यक्रम के लिए 10 शहरों या कस्बों को चुना है. एक राज्य-स्तरीय संचालन समिति इस अवधारणा के कार्यान्वयन की निगरानी करेगी. मीडिया को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री जयंत मल्लबारुआ ने कहा कि असम उपचार (बुराइयों की रोकथाम) प्रथा विधेयक, 2024 को मंजूरी दे दी गई है.


कैबिनेट मंत्री जयंत मल्लबारुआ का कहना है कि इस विधेयक के माध्यम से जादुई उपचार के नाम पर गैरकानूनी कृत्य करने का दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को कारावास और जुर्माने से दंडित किया जाएगा. कैबिनेट ने दस शहर विकास अवधारणा (दो शहर एक रूपायन) को भी मंजूरी दे दी है, जिसे सतत शहरी विकास सुनिश्चित करने के लिए पेश किया जाना है. 


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