एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी शादी के बारे में बात करते हुए कहा कि पुराना जख्म कुरेद दिया, कई बार कुछ चीजें घर के लोग नहीं भूलते और वह आपका वीक पॉइंट बन जाती हैं. एक इंटरव्यू में अपने पॉलिटिकल करियर और राजनीति में आने से पहली की जिंदगी पर बात करते हुए ओवैसी ने यह बात कही.


इंडिया टीवी के शो आपकी अदालत में असदुद्दीन ओवैसी से उनकी शादी और राजनीतिक करियर को लेकर सवाल किए गए. ओवैसी से उनकी शादी से जुड़े किस्से का जिक्र करते हुए सवाल किया गया कि शिकायत तो आपकी पत्नी को भी रहती होगी क्योंकि वह शादी के अगले दिन विधानसभा का भाषण देने पहुंच गए थे. इसके जवाब में ओवैसी ने हंसते कहा कि आपने पुराने जख्म कुरेद दिए. कई बार ऐसी चीजें होती हैं कि घर के लोग नहीं भूलते तो वह आपका वीक पॉइंट बन जाती हैं.


क्रिकेटर बनना चाहते थे तो फिर कैसे राजनीति में आ गए ओवैसी
ओवैसी ने बताया कि उनका राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं था, बल्कि क्रिकेटर बनना चाहते थे और बड़े अच्छे तेज बॉलर थे. इस पर बात करते हुए उन्होंने कहा, 'जिंदगी में मुकद्दर के फैसले आप और हम नहीं करते. वो तय करने वाला ऊपर वाला होता है. उस जमाने में एक ख्वाहिश थी कि क्रिकेटर बनें फिर बुजुर्गों ने समझाया कि पढिए और तालीम हासिल करिए. हमने वालिद की बात को माना और तालीम हासिल करने के लिए चले गए.' 


ओवैसी ने आगे कहा, 'मैंने लंदन से एलएलबी किया फिर बार-एट-लॉ किया. मैं यूएस जाकर एलएम करना चाहता था, लेकिन हमारे वालिद ने कहा कि बैरिस्टरी करो. फिर मैंने किया और उनकी दुआ से कामयाब हो गया. मैं जब 1994 में वापस आया तो मेरे वालिद और पार्टी के बड़े-बड़े लोगों ने समझाया कि देखो पार्टी में पढ़े-लिखे लोगों की जरूरत है और अल्लाह ने आपको काबिल बनाया है आप आइए. जब 94 में मैंने चुनाव लड़ा तो मेरी पार्टी मे मैं अकेला एमएलए था जो जीता. वो 5 साल बड़ी मेहनत करनी पड़ी.'


ओवैसी ने सुनाया अम्मी से जुड़ा किस्सा
उन्होंने बताया कि 1994 में एमएलए बनने के बाद 1996 में संसद के चुनाव आ गए. थोड़ी सांस ली तो 1998 में एक और पार्लियमेंट्री इलेक्शन आ गया, 99 में एक और आ गया. अपनी अम्मी का जिक्र करते हुए ओवैसी ने बताया, 'इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से मैं सफर के महीने में पैदा हुआ हूं तो मेरी मां हमेशा शिकायत करती हैं कि तुम घर में नहीं रहते तो मैंने कहा कि अम्मा आपने सफर के महीने में पैदा किया इसलिए. इस तरह सियासी सफर शुरू हो गया'. 


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