Asaduddin Owaisi Slams Narendra Modi Govt: एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन (Asaduddin Owaisi) ने एक अंग्रेजी वेबसाइट की खबर के हवाले से कहा है कि चीनी सेना लद्दाख में अपने पैर मजबूत रही है. उन्होंने ट्वीट करते हुए केंद्र पर निशाना साधा है और सवाल पूछा है कि जब पूरी दुनिया को यह दिखाई दे रहा है तो नरेंद्र मोदी सरकार सच को क्यों छिपा रही है?
chinapower.csis.org वेबसाइट पर कुछ कथित सैटेलाइट तस्वीरों के साथ एक स्टोरी प्रकाशित हुई है, जिसमें कहा गया है कि चीन पैंगोंग त्सो (एक झील) के साथ वाली भारतीय सीमा पर अपनी सैन्य पकड़ मजबूत कर रहा है. ओवैसी ने इसी वेबसाइट की स्टोरी का लिंक साझा करते हुए केंद्र की बीजेपी नीत मोदी सरकार पर निशाना साधा है.
ओवैसी ने ट्वीट में क्या कहा?
एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने ट्वीट में लिखा, ''पीएलए अपनी पैठ मजबूत कर रही है और अगर ऐसा कहा गया है तो वह खुद को लड़ाई के लिए तैयार कर रही है. लद्दाख की ताजा सैटेलाइट तस्वीरें यह दिखाती हैं. वैश्विक स्तर पर हर किसी को यह दिखाई देता है तो मोदी सरकार देश से सच क्यों छिपा रही है?''
क्या है अंग्रेजी खबर में?
खबर में 2020 और अक्टूबर 2022 की कथित सैटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से बताया गया है कि पहले पैंगोंग त्सो के पास क्या स्थिति थी और अब क्या है. सैटेलाइट तस्वीरों का सोर्स अमेरिका की मैक्सर नाम की आईटी कंपनी को बताया गया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर 2022 में इस क्षेत्र की दो शक्तियों (भारत-चीन) ने पारस्परिक रूप से गोगरा हॉट स्प्रिंग्स के पास वास्तविक नियंत्रण रेखा से अपने सैनिकों को पीछे हटाना शुरू कर दिया था. फिर भी कोई पक्ष पूरी तरह से वापसी को तैयार नहीं है. वास्तव में सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि चीन पैंगोंग त्सो के पास एक अहम और लंबे समय तक सैन्य मौजूदगी को बनाए रखने के लिए निवेश कर रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, पैंगोंग त्सो गोगरा हॉट स्प्रिंग्स के दक्षिण में केवल 50 किलोमीटर दूर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर फैली हुई है.
गलवान झड़प की शुरुआत यहीं से हुई थी
रिपोर्ट के मुताबिक, पैंगोग त्सो से ही 2020 की गलवान झड़प की शुरुआत हुई थी. मई में पैंगोंग झील के पास झड़प हुई और फिर जून में गलवान में हिंसक संघर्ष हुआ था. रिपोर्ट के मुताबिक, पैंगोंग त्सो में 2020 से तनाव जारी है और भारत-चीन ने इलाके में मौजूदगी बनाए रखी है.
क्या कुछ बना लिया है चीन ने?
रिपोर्ट के अनुसार, ताजा अपडेट यह है कि चीन ने पैंगोग त्सो के पास नए संभाग स्तरीय मुख्यालय और सैन्य ठिकाने बनाए हैं, संभावित रूप से इससे झील के आसपास बड़ी संख्या में चीनी सेना के मौजूद रहने में मदद मिलती है. रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी सेना के मुख्यालय एलएसी से सिर्फ छह किमी दूर भारतीय दावे वाले क्षेत्र में बनाए गए हैं.
इसमें कहा गया है कि 2020 के गतिरोध के बीच नए ठिकाने बनाना शुरू हुआ था. मई 2020 में क्षेत्र में चीनी सेना ने शिविर लगाया था, जून 2020 में उसे और ज्यादा स्थायी बनाया और नए ढांचे को 2021 में लगातार विस्तारित और विकसित किया गया. इसमें कहा गया है कि 4 अक्टूबर, 2022 की सैटेलाइट तस्वीर से पता चलता है कि काम पूरा हो गया है और साइट पर पीएलए की अब अहम मौजूदगी है. रिपोर्ट में पीएलए की कथित मौजूदगी से जुड़ी और भी जानकारियां दी गई हैं.
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