कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार (17 दिसंबर 2025) को लोकसभा में 'विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी (VB-जी राम जी) बिल, 2025 पेश किया. उन्होंने कहा कि इस बिल में रोजगार 100 दिन से बढ़ाकर 125 दिन कर दिया गया है. इस बिल पर लोकसभा में चर्चा शुरू हो गई है. सरकार ने इस बिल पर चर्चा के लिए 6 घंटे का समय निर्धारित किया है. संसद में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाया है.
'60 दिन में ब्लैकआउट होगा, किसी को काम नहीं मिलेगा'
केंद्र सरकार इस बिल को आज ही देर रात तक लोकसभा में पास कराना चाहती है. असदुद्दीन ओवैसी सदन में कहा, 'एक कानून बनाने की कोशिश की जा रही है, जिससे गरीबों को फायदा नहीं होगा. ये सरकार को तानाशाह की तरह चलाना चाहते हैं. 60 दिनों में ब्लैक आउट होगा किसी को काम नहीं मिलेगा. जमींदार खुशियां मनाएंगें. इनका मकसद एक ही है कि उस कानून को खत्म कर दिया जाए, जिससे गरीबों को फायदा हो रहा था. मैं इस बिल के खिलाफ हूं. बिहार में पलायन हो रहा है. सीमांचल में 1.5 करोड़ लोग पलायन कर रहे थे अब ये संख्या और बढ़ जाएगी.'
'महात्मा गांधी या पीएम मोदी से बड़ी शख्सियत थे भगवान राम'
बारामुला के सांसद अब्दुल राशिद शेख ने जी राम जी बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि भगवान राम महात्मा गांधी या पीएम मोदी से बड़ी शख्सियत थे, लेकिन नकली रामभक्तों ने जिस तरह से उनका उपयोग किया उसको देखकर वो आहत होते. इसी बीच उन्होंने ये भी कहा कि मां बेटियां जिस तरह से आपको प्यार देती और जिताती हैं, लेकिन जिस तरह से एक बाबू ने हिजाब खींचा और आप खामोश रहे.
इंडिया गठबंधन के दल करेंगे विरोध प्रदर्शन
विपक्षी ‘इंडिया गठबंधन के कई घटक दल ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक’ के खिलाफ गुरुवार (18 दिसंबर 2025) सुबह संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन करेंगे. यह प्रस्तावित कानून महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का स्थान लेगा. न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक सुबह 10.15 बजे संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा और विभिन्न विपक्षी दलों के सांसद सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए नारेबाजी करेंगे.
विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में विपक्षी दलों की बैठक में लिया गया. बैठक में कांग्रेस, डीएमके, समाजवादी पार्टी, वाम दल, शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी), झारखंड मुक्ति मोर्चा और आरजेडी सहित अन्य नेता उपस्थित थे. तृणमूल कांग्रेस इस बैठक से दूर रही.