AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने चीन को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है. ओवैसी ने कहा, चीन दावा कर रहा है कि लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में भारत के साथ जो विवाद था, वो हल हो चुका है. क्या सरकार यह कन्फर्म करेगी कि यह सच है या झूठ? अगर सच है तो पिछले दो चरणों की बैठक हुई थी, वो किसलिए हुई थी.


आगे ओवैसी ने कहा, मैंने निजी रूप से लद्दाख बॉर्डर पर स्थिति को लेकर सवाल उठाया है कि हमारे जवानों को उन जगहों पर पेट्रोलिंग नहीं करने दी जा रही है, जहां वे पहले किया करते थे. लेकिन सरकार ने अब तक सच नहीं बताया है, संसद में भी नहीं. वह चुप है और भ्रमित कर रही है. 


इससे पहले शुक्रवार (11 मार्च) को भारत और चीन के बीच 15वें दौर की सैन्य वार्ता हुई थी. लेकिन दोनों देश लंबित मुद्दों को सुलझाने में कोई बड़ी कमयाबी हासिल करने में नाकाम रहे. लेकिन दोनों देश जल्द से जल्द समाधान तक पहुंचने के लिए बातचीत जारी रखने को सहमत हुए।


करीब 13 घंटे तक चली बैठक के एक दिन बाद, दोनों पक्षों ने शनिवार को एक संयुक्त बयान में एक बार फिर से कहा कि इस तरह का एक समाधान पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति व स्थिरता बहाल करने में मदद करेगा और द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति को बेहतर करेगा. पूर्वी लद्दाख में एलएसी से भारतीय क्षेत्र की ओर चुशुल-मोल्दो बॉर्डर प्वाइंट पर कोर कमांडर स्तर की वार्ता हुई थी.


सूत्रों ने कहा कि भारत ने देपसांग बल्ग और डेमचोक में लंबित मुद्दों के समाधान सहित टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों को शीघ्र हटाने पर अत्यधिक जोर दिया. उन्होंने बताया कि वार्ता के केंद्र में हॉट स्प्रिंग्स (गश्त बिंदु-15) में सैनिकों को हटाने की रूकी पड़ी प्रक्रिया को पूरा करना था.


पैंगोंग झील इलाके में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच एक हिंसक झड़प के बाद, दोनों पक्षों के बीच पूर्वी लद्दाख गतिरोध पांच मई 2020 को पैदा हुआ था. दोनों देशों के एलएसी पर अभी करीब 50,000 से 60,000 सैनिक हैं.


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