General Bipin Rawat Military Station: अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के किबिथू मिलिट्री स्टेशन (Kibithu Military Station) को अब जनरल बिपिन रावत मिलिट्री गैरिसन के नाम से जाना जाएगा. इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश के वालोंग से किबिथू तक जाने वाली 22 किलोमीटर लंबी सड़क भी जनरल बिपिन रावत के नाम से जानी जाएगी. अरुणाचल प्रदेश सरकार की पहल पर देश के पहले सीडीएस को ये सम्मान दिया गया है. 


शनिवार को अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा ने मुख्यमंत्री पेमा खांडू (CM Pema Khandu) और सेना के वरिष्ठ कमांडर्स की मौजूदगी में किबिथू मिलिट्री स्टेशन में सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम से एक बड़े गेट का उद्घाटन किया. ये गेट अरुणाचल प्रदेश के पारंपरिक तरीके से तैयार किया गया है. समारोह के दौरान जनरल रावत की बेटियां भी किबिथू में मौजूद थीं. 


जनरल बिपिन रावत का किबिथू से पुराना नाता


आपको बता दें कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने वर्ष 1999-2000 में कर्नल के तौर पर अपनी 5-11 जीआर यानी गोरखा राइफल्स की यूनिट को किबिथू में ही कमांड किया था. उस दौरान जनरल रावत ने चीन से सटे इस इलाके के सुरक्षा-तंत्र को बेहद मजबूत किया था. उन्होंने देश के दूरस्थ इलाकों में से एक किबिथू में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और सामाजिक विकास में अहम योगदान दिया था, जिससे स्थानीय जनता को काफी फायदा हुआ था. 


पिछले साल हुई थी बिपिन रावत की मौत


पिछले साल 8 दिसंबर, 2021 को जनरल बिपिन रावत की एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी. उनके सम्मान में राज्य सरकार ने किबिथू मिलिट्री स्टेशन और वालोंग से किबिथू तक जानेवाली सड़क को सीडीएस को समर्पित किया है. 1962 के युद्ध में अरुणाचल प्रदेश के वालोंग में भारतीय सेना ने चीनी सेना के दांत खट्टे कर दिए थे, जबकि बाकी जगह भारत को शिकस्त का सामना करना पड़ा था.


ये भी पढ़ें-


Jaisalmer: अमित शाह ने तनोट मंदिर कॉम्प्लेक्स परियोजना का किया शिलान्यास, बॉर्डर टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा


टी-शर्ट से एसी कंटेनर तक... कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर सामने आए ये विवाद