नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) के विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए उसे सकारात्मक घटनाक्रम बताया. उन्होंने कहा कि देशहित में सच सामने आना चाहिए. कोर्ट ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों की दो सप्ताह के भीतर जांच करने को कहा है. इसके साथ ही सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव पर कोई भी अहम नीतिगत निर्णय लेने से रोक लगा दी है.
जेटली ने कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सीबीआई में हाल में हुई घटनाओं से उसकी छवि धूमिल हुई है. उन्होंने कहा कि शीर्ष न्यायालय ने दो सप्ताह में जांच करने का आदेश देकर निष्पक्षता के मानदंडों को और मजबूती देने का काम किया है. वित्त मंत्री ने कहा कि मामले में नि्ष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए कोर्ट ने एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की नियुक्ति की है, जिनकी निगरानी में पूरी जांच होगी."
इशके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार केवल सीबीआई की संस्थागत निष्ठा, पेशेवर रुख और छवि को बनाये रखने में रुचि रखती है. जेटली ने कहा कि सीबीआई मामले में सीवीसी जांच निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिये है. देश हित में सच्चाई सामने आना जरूरी है.