Jammu Kashmir Article 370: जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार की ओर से संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से बरकरार रखा है. केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली 22 याचिकाओं पर शीर्ष अदालत ने सोमवार (11 दिसंबर) को फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कांग्रेस ने असहमति जताई है.


सोमवार को कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि अनुच्छेद 370 पर केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हम असहमत है. हालांकि, उन्होंने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने और चुनाव करवाने के शीर्ष अदालत के निर्देशों का स्वागत किया. 


एबीपी न्यूज के सवाल पर क्या बोले पी चिदंबरम?


उन्होंने एबीपी न्यूज के इस सवाल का भी जवाब दिया कि क्या कांग्रेस अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल करेगी? इस सवाल का जवाब देते हुए पी चिदंबरम ने कहा, ''हमने कभी भी अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल करने की बात नहीं की. हमने उसे हटाने के तरीके का विरोध किया है.''


'कई मुद्दों का समाधान लेकिन कई सवाल बाकी'


प्रेस कॉन्फ्रेंस में चिदंबरम ने कहा, ''सुप्रीम कोर्ट का 370 पर जो फैसला आया है, उसने कई महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान किया है लेकिन कई सवाल बाकी हैं. 476 पन्नों का ये फैसला है, इसलिए हमें इसे पढ़ने में समय लगेगा. हम फैसले से असहमत हैं. 370 हटाने का जो तरीका था, हम उसके खिलाफ थे. हमने सीडब्ल्यूसी में प्रस्ताव भी पास किया था.''


हम इस पर पुनर्विचार नहीं करेंगे- अभिषेक मनु सिंघवी


वहीं, पार्टी नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ''सुप्रीम कोर्ट हमारे यहां सर्वोच्च है और उसके फैसले के बाद आज से ये बहस खत्म हो गई है. ये निर्णय अंतिम है. हम इस पर पुनर्विचार नहीं करेंगे.'' बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा जल्द से जल्द दिया जाना चाहिए. कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने के लिए 30 सितंबर, 2024 की समय सीमा भी तय कर दी है.


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