दार्जिलिंग: पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में कल की हिंसा के बाद आज हिंसा की कोई खबर नहीं आई है लेकिन तनाव बना हुआ है. कल गोरखा जनमुक्ति मोर्टा के समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाया था. पश्चिम बंगाल के स्कूल में दसवीं तक बांग्ला भाषा को अनिवार्य बनाए जाने के खिलाफ दार्जिलिंग में विरोध हो रहा है.


कल जिस वक्त हिंसा हो रही थी उस वक्त दार्जिलिंग में ही ममता बनर्जी कैबिनेट की बैठक कर रही थीं, तभी प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की और कुछ को आग के हवाले कर दिया. हालात इतने बिगड़ गए कि सेना बुलानी पड़ी. ममता बनर्जी ने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा की हड़ताल को अवैध करार दिया है.



सेना के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘प्रदेश सरकार से अनुरोध मिला है. दार्जीलिंग में स्थित सेना की दो टुकड़ियों (प्रत्येक में 80 जवान) को भेजा गया है.’’  प्रदर्शनकारी ‘स्कूलों में बांग्ला भाषा लागू किये जाने का विरोध’ समेत कई मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे.


वहीं, जीजेएम ने तृणमूल कांग्रेस पर अपनी ‘‘फूट डालो राज करो की नीति’’ के तहत दार्जीलिंग की शांतिभंग करने की कोशिश का आरोप लगाया और कल 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है. जीजेएम महासचिव रोशन गिरि ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘टीएमसी व्यवस्थित तरीके से पुलिस और अपने गुंडों का इस्तेमाल कर पहाड़ों पर शांति भंग कर रही है. आज पुलिस ने बिना उकसावे के लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े’’.


वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जीजेएम के प्रदर्शन पर कहा, ‘‘उनके पास लोकतांत्रिक अधिकार है. उन्हें ऐसा करने दीजिये. उनके पास कोई मुद्दा नहीं है. विकास के लिये प्रतिस्पर्धा होने दीजिये.’’ ममता ने कहा कि बांग्ला भाषा को स्कूलों में अनिवार्य विषय नहीं बनाया गया है. माकपा के प्रदेश सचिव सूर्यकांत मिश्रा ने कहा, ‘‘पहाड़ पर स्थिति चिंता का विषय है.’’ वहीं विधानसभा में नेता विपक्ष अब्दुल मन्नान ने ममता बनर्जी पर झूठा वादा कर पहाड़ी लोगों से धोखा करने का आरोप लगाया.