Right To Privacy: भारतीय सेना (Indian Army) के कर्नल और लेफ्टिनेंट रैंक के चार अधिकारियों ने अपने ही सैन्य अधिकारियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर की है. सैन्य अधिकारियों पर निजता के अधिकार (Right To Privacy) का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि जासूसी (spy) के मामले में जांच के नाम पर पहले तो जबरन उनके मोबाइल फोन (Mobile Phone) जब्त कर लिए गए फिर तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया. 


इन चारों सैन्य अधिकारियों पर आरोप है कि वे "पटियाला पेग" नाम के एक व्हाट्सएप ग्रुप (WhatsApp Group) का हिस्सा थे. सेना को शक है कि इस ग्रुप में पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (Pakistan Intelligence Operative) द्वारा घुसपैठ की. इन अधिकारियों ने उनके साथ कुछ सीक्रेट जानकारियों (Secret Information ) को भी साझा किया. याचिका में बताया गया है कि जासूसी मामले को लेकर सेना ने जांच की और जिसमें इन चारों अधिकारियों को कोई लिंक नहीं पाया गया. बावजूद इसके सेना की साइबर सुरक्षा नीति (Cyber Security Policy) का उल्लंघन करने के आरोप में सेना इनमें से 3 सैन्य अधिकारियों के निलंबित कर दिया था. 


मौलिक अधिकारों के हनन का दिया तर्क


जिसके बाद चारों सैन्य अधिकारियों ने अपने खिलाफ इस कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मामले की सुनवाई करने का अनुरोध किया. इन अधिकारियों ने अपनी याचिका ने कहा है कि क्या जीवन और आजादी का अधिकार नियमों का पालन किए बिना छीना जा सकता है और क्या उन्हें निजता का अधिकार उपलब्ध नहीं है? इन अधिकारियों अपने खिलाफ सेना के एक्शन को न्यायसंगत नहीं मानते उसके खिलाफ दलील दी कि इस प्रकार की कार्रवाई से उनके मौलिक अधिकारों का हनन हुआ है. इतना ही नहीं सेना की कार्रवाई से उनके करियर भी इसका बुरा असर पड़ेगा. 


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