नई दिल्लीः आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले के एलुरु कस्बे में एक 45 साल के व्यक्ति की मौत हो गई और शनिवार रात से ही लगभग 350 लोग बीमार हो गए. इसे लेकर हर कोई हैरान है. केंद्र सरकार एलुरु में चिकित्सा विशेषज्ञों के तीन सदस्यीय टीम को भेज रही है, जो इस मामले की जांच-पड़ताल करेगी. उपराष्ट्रपति सचिवालय ने सोमवार को यह जानकारी दी.

आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले से ताल्लुक रखने वाले उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से इस बारे में बातचीत की. एलुरु में बड़ी संख्या में बच्चों समेत अन्य लोगों को इस रहस्यमयी बीमारी का पता चलने के बाद अस्पतालों में भर्ती कराया गया था.

दल में शामिल एम्स के डॉक्टर

उपराष्ट्रपति सचिवालय की ओर से एक बयान में कहा गया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सूचित किया है कि एम्स के एसोसिएट प्रोफेसर (आपात चिकित्सा) डॉ जमशेद नायर, एनआईवी पुणे में विषाणु विज्ञानी डॉ अविनाश देवश्तावर और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र में उप निदेशक डॉ संकेत कुलकर्णी को एलुरु भेजा जा रहा है. उपराष्ट्रपति को यह भी बताया गया कि एम्स के एक विष नियंत्रण दल ने रविवार को एलुरु के डॉक्टरों से इस मामले में बातचीत की.

एक शख्स की मौत

एलुरु शहर के विद्यानगर इलाके के 45 साल के एक व्यक्ति की रविवार शाम को बीमारी के कारण मौत हो गई. इनकी पहचान श्रीधर के रूप में हुई है. उन्हें सुबह मिर्गी और जी मिचलाने के लक्षणों के साथ स्थानीय सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार श्रीधर शाम तक अपने मिर्गी के लक्षणों से उबर चुके थे. उनकी मौत अन्य सिम्टम्स से हुई. पुलिस ने मृतक की ऑटोप्सी रिपोर्ट तलब की है.

वायरल इंफेक्शन के नहीं मिले सबूत

इधर, सरकार ने दावा किया है कि 22 प्रभावित क्षेत्रों से पानी के नमूनों में कंटैमनेशन के कोई संकेत नहीं मिले हैं और सभी प्रभावित लोगों के बल्ड टेस्ट के बाद कोई वायरल इंफेक्शन का पता नहीं चला है. सभी रोगियों को कोरोना वायरस टेस्ट किया गया था और सभी रिपोर्ट निगेटिव थीं. क्रोनिक फटीग सिंड्रोम के टेस्ट आज होने की उम्मीद है.

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