Andaman and Nicobar Gangrape Case: 21 साल की युवती से गैंगरेप मामले में अंडमान-निकोबार द्वीप समूह (Andaman and Nicobar Islands) के निलंबित लेबर कमिश्नर आरएल ऋषि (RL Rishi) को गिरफ्तार कर लिया गया है. वह करीब एक महीने से फरार चल रहे थे. केस में नाम आने के बाद उन्हें सस्पेंड किया गया था. अंडमान-निकोबार पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी की सूचना देने के लिए एक लाख रुपये का इनाम भी रखा था. सूत्रों के मुताबिक, सोमवार (21 नवंबर) को ऋषि चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर एयरपोर्ट पहुंचे तो वहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. 


कथित सेक्स फॉर जॉब रैकेट में यह तीसरी गिरफ्तारी है. मामले में वरिष्ठ आईएएस और अंडमान-निकोबार के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण मुख्य आरोपी हैं. नारायण को 10 नवंबर को एक निजी रिजॉर्ट से अंडमान-निकोबार पुलिस ने गिरफ्तार किया गया था. इसी दिन गिरफ्तारी से पहले उनके वकील ने कोर्ट में उनकी अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी, जिसे जज ने खारिज कर दिया था. FIR में सह-अपराधी के रूप में एक होटल मालिक संदीप सिंह उर्फ रिंकू नाम का नाम भी शामिल है, उसे 14 नवंबर को हरियाणा के करनाल से गिरफ्तार किया गया था. 


ऋषि-रिंकू की गिरफ्तारी के लिए रखा गया था इनाम


अंडमान-निकोबार पुलिस ने दो नवंबर को ऋषि और रिंकू की गिफ्तारी के लिए एक लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी. महिला की शिकायत पर एक अक्टूबर को पोर्ट ब्लेयर के अबरदीन पुलिस थाने में नारायण और ऋषि के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. नारायण उस समय दिल्ली वित्तीय निगम के मुख्य और प्रबंध निदेशक के रूप में काम कर रहे थे. मामले के चलते नारायण 17 अक्टूबर को निलंबित कर दिया गया था.


पुलिस में दर्ज एफआईआर में युवती ने आरोप लगाया है कि सरकारी नौकरी का झांसा देकर उसे मुख्य सचिव के आधिकारिक आवास पर ले जाया गया था. रिंकू ने उसे ऋषि से मिलवाया था. उसने आरोप लगाया है कि मुख्य सचिव के आवास पर उसे जबरन शराब पिलाई गई और फिर गैंगरेप किया गया. 


ये भी आरोप


FIR के मुताबिक, पोर्ट ब्लेयर स्थित नारायण के आवास पर अप्रैल और मई में दो मौकों पर युवती पर हिंसक यौन हमला किया गया था. इंडियन एक्सप्रेस ने एसआईटी की जांच के हवाले लिखा है कि कथित जॉब सेक्स रैकेट के चलते कथित तौर पर 20 महिलाओं को नारायण के सालभर के कार्यकाल के दौरान उनके आवास पर ले जाया गया था और उनमें से यौन उत्पीड़न के एवज में कुछ को नौकरियां भी मिल गई थीं. 


नारायण ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार करते आ रहे हैं. उन्होंने गृह मंत्रालय और अंडमान-निकोबार प्रशासन को लिखे अपने पत्र में मामले को साजिश करार दिया है.


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