अमृतसर: पंजाब के अमृतसर में हुए ट्रेन हादसे की वजह से रेलवे ने जौड़ा फाटक से गुजरने वाली ट्रेनों की आवाजाही रोक दी थी. शनिवार को 7 ट्रेनों को निरस्त कर दिया था, जबकि 16 दूसरे मार्गों का रूट बदल दिया था. लेकिन, हादसे होते हैं, जानें जाती हैं और तकलीफ पहुंचती हैं, मगर जिंदगी को पटरी पर लौटना ही पड़ता है. अमृतसर रेल हादसे के तीसरे दिन जौड़ा फाटक से ट्रेनों की आवाजाही शुरू हुई, ये शुरुआत जिंदगी का पटरी पर लौटना था, लेकिन जख्म भी हरे हो गए.
शुक्रवार शाम को हुए हादसे के बाद आज रविवार को ट्रैक पर सबसे पहले मालगाड़ी चलाई गई. एबीपी न्यूज़ ने सुबह ही आपको बताया था कि सुरक्षा कारणो के चलते पहले इस ट्रैक पर मालगाड़ी चलाई जाएगी और ऐसा ही हुआ. जौड़ा फाटक के करीब जिंदगी पटरी पर लौट रही है और स्थानीय लोग भी इसमें बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. आज जौड़ा फाटक के पास तैनात सुरक्षाबलो को कुछ स्थानीय बच्चियाँ पानी पिलाती नजर आईं.
आपको बता दें कि उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने शनिवार को बताया था कि 10 मेल/एक्सप्रेस और 27 पैसेंजर ट्रेनों को निरस्त कर दिया गया है और 16 दूसरी ट्रेनों को दूसरे मार्ग से उनके गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है. दीपक ने ये भी बताया था कि हादसे की वजह से 18 ट्रेनों को बीच में ही रोक कर उनकी यात्रा समाप्त कर दी गई है.
अमृतसर के जौड़ा फाटक के पास शुक्रवार शाम को रावण दहन देखने के लिए रेल पटरियों पर खड़े लोगों के ट्रेन की चपेट में आने से 59 की मौत हो गई जबकि 70 से ज्यादा लोग घायल हो गए. राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पीड़ितों की मदद के लिए मुआवजे के तौर पर 3 करोड़ रुपये की राशि जारी करने का आदेश दिया है. उन्होंने हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि इसकी रिपोर्ट चार हफ्ते के अंदर आ जाएगी.
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