अमृतसर:  दशहरा के मौके पर पंजाब के अमृतसर में एक बड़ा हादसा हुआ है. यह हादसा जौड़ा फाटक के पास तब हुआ जब लोग रेल की पटरियों पर खड़े होकर दशहरे के जश्न में डूबे थे, तभी पटरियों की दोनों तरफ से ट्रेनें आ गई, जिसने कई लोगों की जान ले ली है.

इस हादसे में लगभग 50 लोगों की मौत हो गई है जबकि कई लोग घायल हो गए हैं. इस हादसे के बाद चश्मदीदों में काफी गुस्सा हैं. उनका मानना है कि यह हादसा प्रशासन की लापरवाही से हुई है. चश्मदीदों का कहना है कि जिस वक्त हादसा हुआ उस वक्त रेल पटरियों पर 200 से ज्यादा लोग मौजूद थे. मरने वालों में ज्यादातर लोग उत्तर प्रदेश और बिहार के बताए जा रहे हैं.

इस हादसे के एक चश्मदीद ने कहा, '' इस हादसे के लिए पूरी तरह जिम्मेदार प्रशासन की लापरवाही है. जब ट्रेन आ रही थी तो उन्हें अलार्म बजाना चाहिए था. साथ ही उन्हें इस बात को भी सुनिश्चित करना चाहिए था कि ट्रेन की स्पीड वहां तेज न हो". एक अन्य चश्मदीद ने कहा,''ऐसा मंजर 1947 में था, जब कुछ लाशें इधर पड़ी थीं, और कुछ उधर. जिन लोगों की वजह से यह हुआ है उन पर कार्रवाई होनी चाहिए"

एक और चश्मदीद ने कहा," इस हादसे में 250 से ज्यादा लोगों की जान गई है. इधर हादसा हुआ और उधर भाषण दिया जा रहा था. इस हादसे में कई बच्चों की भी जान गई है.''

वहीं एक अन्य चश्मदीद ने बताया ,"यहां दशहरे के जश्न का आयोजन कांग्रेस नेताओं की शह पर बिना किसी अनुमति के किया गया था. नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी चीफ गेस्ट थे. जब ट्रेन ने लोगों को कुचला तब भी वह वहां से जा चुकी थे."

(अमृतसर ट्रेन दुर्घटना को लेकर रेलवे ने हेल्पलाइन नंबर 0183-2223171, 0183-2564485 जारी की है)