अमृतसर: पंजाब के अमृतसर में आज ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ की बरसी पर गोल्डन टेंपल में देश विरोधी नारे लगाए गए हैं. गोल्डन टेंपल में ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ की 33वीं बरसी मनाई जा रही है. इस दौरान मंदिर में मौजूद सिखों ने ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए.


ऑपरेशन ब्लू स्टार की पूरी कहानी: कब, कैसे और क्यों?


 

क्यों हुई नारेबाजी ?

दरअसल शिरोमणि अकाली दल अमृतसर के अध्यक्ष सिमरनजीत सिंह मान लंबे समय से खालिस्तान की मांग कर रहे हैं. उनकी तरफ से हर बार यहां पर खालिस्तान की मांग की जाती है. सिमरनजीत सिंह मान कौम को अपना संदेश देना चाहते थे. लेकिन कार्यक्रम के दौरान अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरूवचन सिंह ने कौम के नाम संदेश शुरू किया तो वहां मौजूद लोग नारेबाजी करने लगे.

बताया जा रहा है कि कुछ समय पहले शिरोमणि अकाली दल अमृतसर ने एलान किया था कि वह ज्ञानी गुरूवचन सिंह को जत्थेदार नहीं मानते. इसीलिए आज सिख संगठन ने इसका विरोध किया.

क्या था ऑपरेशन ब्लू स्टार?

आपको बता दें कि 1973 में पंजाब के आनंदपुर साहिब में सिखों ने एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें पंजाब को एक स्वायत्त राज्य के रुप में मानने की बात की गई थी. इस प्रस्ताव को ख़ालिस्तान आंदोलन की शुरुआत माना जाता है. 1980 के दशक में जब पंजाब में हिंसा और आतंक का दौर था, तब सिखों ने एक अलग राष्ट्र खालितस्तान की मांग की थी.

6 जून साल 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में छिपे हथियारबंद आतंकवादियों को खदेड़ने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया गया था. साल 1981 में पंजाब को भारत से अलग करके अलग से खालिस्तान राष्ट्र बनाने की मांग जोर पकडऩे लगी थी. इस ऑपरेशन में कुल 83 सौनिक मारे गए जिसमें तीन सेना के अधिकारी थे. इसके अलावा 248 लोग घायल हुए थे. मरने वाले आतंकवादियों और अन्य लोगों की संख्या 492 रही.