Jarnail Singh Bhindranwale Village: खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे संगठन के चीफ अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) को रविवार (23 अप्रैल) को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. अमृतपाल की गिरफ्तारी की बाद उस जगह की काफी चर्चा हो रही है जहां से उसे पकड़ा गया. ये जगह मोगा का रोडे गांव (Rode Village) है. आखिर इतने दिन से फरार अमृतपाल सिंह रोडे गांव में ही क्यों पकड़ा गया और इस गांव की इतनी चर्चा क्यों हो रही है? जानिए... 


दरअसल, मोगा जिले का रोडे गांव आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाला का पुश्तैनी गांव है. अमृतपाल को पिछले साल इस गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में वारिस पंजाब दे संगठन का प्रमुख नियुक्त किया गया था. इस गांव में जिस स्थान पर जरनैल सिंह भिंडरावाला का जन्म हुआ था वहां पर गुरुद्वारा बनाया गया है. अमृतपाल ने अपनी गिरफ्तारी से पहले इसी गुरुद्वारे से भाषण दिया. दमदमी टकसाल इस गुरुद्वारे की देखरेख करता है. भिंडरावाला दमदमी टकसाल का प्रमुख भी था. 


रोडे गांव में मिला अमृतपाल


गिरफ्तारी के कुछ ही समय बाद एक वीडियो सामने आया, जिसमें अमृतपाल एक संबोधन देते हुए दिखाई दे रहा है, जिसमें वह संकेत दे रहा है कि वह आत्मसमर्पण कर रहा है. एक अन्य क्लिप में वह भिंडरावाला की तस्वीर के सामने बैठा दिखाई दे रहा है. भिंडरावाला 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के अंदर छिपे आतंकवादियों को खदेड़ने के लिए चलाए गए विवादास्पद सैन्य अभियान में मारा गया था. अमृतपाल सिंह भिंडरावाला को अपना आइडल बताता है. भिंडरावाला का परिवार, उनके भाई और भतीजे अभी भी रोडे में रहते हैं. 




भिंडरावाले के भतीजे ने किया ये दावा


अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार और भिंडरावाला के भतीजे जसवीर सिंह रोडे ने द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए दावा किया कि अमृतपाल को पुलिस ने नहीं पकड़ा, उसने गुरुद्वारे में मत्था टेकने के बाद खुद सरेंडर करने का फैसला किया. अमृतपाल शनिवार देर रात रोडे पहुंचा था. मुझे पुलिस ने बताया कि वह हमारे गांव से आत्मसमर्पण करेगा. मुझे लगभग आधी रात को पता चला और मैं जल्द ही रोडे के लिए रवाना हो गया. जब मैं उससे मिला तो उसने कहा कि वह सरेंडर करने जा रहा है. 


एक महीने से पुलिस को दे रहा था चकमा


अमृतपाल 18 मार्च से पंजाब पुलिस को चकमा दे रहा था और उसे पकड़ने के लिए पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में तलाशी अभियान चलाया गया. पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि अमृतपाल को रविवार सुबह रोडे से गिरफ्तार कर लिया गया, जब पुलिसकर्मियों ने उसे घेर लिया, जिससे उसके बचने का कोई रास्ता नहीं बचा. उसे सुबह करीब 6:45 बजे गिरफ्तार किया गया. अमृतपाल को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत असम के डिब्रूगढ़ ले जाया गया है.


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