Rural Development: गृह मंत्री अमित शाह आज निजामुद्दीन स्थित बीएसएफ गेस्ट हाउस में पहुंचेंगे जहां वे सीमावर्ती गांवों के चुनिंदा लोगों से संवाद करेंगे. ये संवाद गणतंत्र दिवस से पहले आयोजित किया जा रहा है ताकि इन गांवों के विकास और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जा सके. ये पहल भारत सरकार के वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम का हिस्सा है जो सीमावर्ती इलाकों में विकास और स्थायित्व सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है.

भारत सरकार ने सीमावर्ती इलाकों के गांवों को "फर्स्ट विलेज" का दर्जा देकर वहां विकास परियोजनाओं की शुरुआत की है. इन परियोजनाओं का उद्देश्य न केवल इन क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे को मजबूत करना है बल्कि स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ावा देना और स्थानीय संस्कृति को संरक्षित रखना भी है. खासतौर पर लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और जम्मू-कश्मीर जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है.

सीमावर्ती गांवों को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर

इन क्षेत्रों से हो रहे पलायन को रोकने के लिए वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम में रोजगार के साधन, एजुकेशन और स्वास्थ्य सुविधाओं को प्राथमिकता दी गई है. इसके अलावा इन गांवों को सीमा पर एक मजबूत और आत्मनिर्भर इकाई के रूप में विकसित करने पर जोर दिया गया है. गृह मंत्री अमित शाह का सीमावर्ती गांवों के लोगों से संवाद करना भारत सरकार की योजनाओं को जमीन पर उतारने और स्थानीय लोगों की समस्याओं को समझने की एक अहम पहल है.

गणतंत्र दिवस से पहले इस संवाद का क्या है महत्व?

गणतंत्र दिवस से पहले आयोजित ये संवाद न केवल इन इलाकों के विकास को रेखांकित करता है बल्कि ये भारत की सुरक्षा और एकता को भी मजबूत करने की दिशा में एक कदम है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्थानीय लोगों को सरकारी योजनाओं की जानकारी देना और उन्हें सशक्त बनाना है. गृहमंत्री का ये दौरा सीमावर्ती इलाकों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता और संवेदनशीलता को दिखाता है.

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