भवानीपटना: बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने आज कहा कि केंद्र सरकार शिक्षा और नौकरियों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के लिए आरक्षण की नीति को न तो रद्द करेगी और न ही किसी को ऐसा करने देगी. ओडिशा के भवानीपटना एक जनसभा को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा, आरक्षण नीति को कोई भी बदलने की हिम्मत नहीं कर सकता जैसा कि संविधान में बी आर अंबेडकर ने तय किया है.


अलग-अलग दलित संगठनों द्वारा एससी-एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम को कथित रूप से कमजोर करने के खिलाफ आयोजित राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान हुई हिंसा में करीब एक दर्जन लोगों की मौत के लिए शाह ने कांग्रेस और विपक्षी दलों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, ‘‘बंद का आह्वान क्यों किया गया जब प्रधानमंत्री ने लोगों को आश्वासन दिया था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार पुनर्विचार याचिका दायर करेगी. बंद के दौरान दस लोग मारे गए. कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दल इन दस लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार हैं.’’


मीडिया और सोशल मीडिया में बीजेपी के आरक्षण वापस लेने संबंधी भ्रामक प्रचार अभियान चलाये जाने का आरोप लगाते हुए शाह ने कहा, ‘‘ मैं इस जनसभा में इतने लोगों की उपस्थिति में यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि बीजेपी आरक्षण वापस नहीं लेने जा रही और न ही वह किसी को ऐसा करने की इजाजत देगी.’’


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का जिक्र करते हुये बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, ‘‘भारत के संविधान में हमारा पूर्ण विश्वास है. बी आर अंबेडकर द्वारा संविधान में तय आरक्षण नीति में जरा सा भी बदलाव नहीं होगा. कोई इसे बदलने की हिम्मत नहीं कर सकता. बीजेपी किसी को आरक्षण नीति में बदलाव की इजाजत भी नहीं देगी.’’