नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सियासी भूचाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. क्या भूचाल शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल की अहमदाबाद-गांधीनगर यात्रा और गुप्त मुलाकातों के बाद आया है. इस मामले को गृह मंत्री अमित शाह ने ये कह कर और हवा दे दी कि हर बात सार्वजनिक नहीं की जा सकती.


गृह मंत्री अमित शाह से सवाल पूछा गया कि क्या शरद पवार से वे अहमदाबाद में मिले हैं? तो उन्होंने कहा, “हर बात सार्वजनिक नहीं की जा सकती.”


इस बयान ने एक बार फिर महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल ला दिया है. दरअसल इस बयान के पीछे की कहानी बताते हैं. महाराष्ट्र की एनसीपी के दो बड़े नेता शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल शुक्रवार शाम अहमदाबाद पहुंचे थे. इसके बाद दोनों नेता गांधीनगर पहुंचे. माना जा रहा है कि इन दोनों नेताओं ने गांधी नगर में कुछ गुप्त मुलाक़ातें की. मुलाक़ात एक बड़े व्यापारी घराने के सदस्य से हुई.


इस दौरान वे किस किस से मिले ये अभी तक साफ़ नहीं हुआ है, लेकिन इन मुलाक़ातों के बीच राजनीतिक तौर पर क़यास तब लगाए जाने लगे जब ये जानकरी सामने आई कि इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह भी अहमदाबाद में थे. एनसीपी के दोनों बड़े नेताओं के अहमदाबाद पहुंचने के डेढ़ घंटे बाद गृह मंत्री अमित शाह अहमदाबाद पहुंचे थे, लेकिन ये साफ़ नहीं हो पाया है कि एनसीपी के इन दोनों नेताओं की मुलाक़ात किस-किस से हुई है. जब ये सवाल गृह मंत्री से पूछ गया तो उन्होंने इन मुलाक़ातों को और हवा दे दी.


लेकिन इस बयान के बाद मुंबई और महाराष्ट्र में सियासी भूचाल आया हुआ है. आनन-फानन में एनसीपी नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुलाक़ातों की खबर को ग़लत करार दे दिया.


शनिवार सुबह दोनों नेता वापस मुंबई रवाना हो गए. महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी सरकार में मुकेश अंबानी के घर के सामने से विस्फोटक बरामद होने और सचिन वाजे से लेकर पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ की वसूली के आरोप लगाने के बीच ये गुप्त मुलाक़ात बेहद अहम हो जाती है.


अहमदाबाद में गुप्त मुलाक़ातों के दौर के बाद महा अघाड़ी सरकार में भी कलह बढ़ गयी है. शिवसेना के मुख़ पत्र सामना में अनिल देशमुख पर सचिन वाजे और विवादों का ठीकरा फ़ोड़ा जाने लगा है और अहमदाबाद में गुप्त मुलाक़ातों के बाद महाराष्ट्र में महा अघाड़ी सरकार में भरोसे का संकट खड़ा होता दिखाई देने लगा है.


अनिल देशमुख से जुड़े विवादो के बीच सामना में लिखा गया है कि जयंत पाटिल के गृह मंत्री बनने से इंकार करने के बाद शरद पवार ने देशमुख को गृह मंत्री बनाया. मतलब शिवसेना ने साफ़ कर दिया है कि अनिल देशमुख शिवसेना की पसंद नहीं हैं, उनको शरद पवार ने गृह मंत्री बनाया है.


अब देखना होगा कि गुप्त मुलाक़ातों की खबरों के बीच महाराष्ट्र में सरकार पर संकट तो नहीं आ रहा है ?