नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. शाह ने कहा कि दिल्ली चुनाव पर उनका आंकलन गलत हो गया, वे हार स्वीकार करते हैं. 'गोली मारो' और 'भारत-पाकिस्तान' जैसे बयान नहीं होने चाहिए थे. पार्टी ने इस तरह के बयान से खुद को अलग कर लिया था. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि दिल्ली चुनाव के नतीजे सीएए और एनआरसी के लिए जनादेश नहीं हैं.

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हम जीतने या हारने के लिए चुनाव नहीं लड़ते- अमित शाह

एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान अमित शाह ने कहा कि ऐसा हो सकता है कि बीजेपी को पार्टी नेताओं के बयानों की वजह से नुकसान उठाना पड़ा हो. हम लोग जीतने या हारने के लिए चुनाव नहीं लड़ते. बीजेपी एक ऐसी पार्टी है जो विचारधारा को बढ़ाने में विश्वास करती है. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उसने देश को धर्म के आधार पर बांटा.

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सभी को शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन का अधिकार- शाह

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सभी को शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने का अधिकार है. उन्होंने कहा कि जिसे भी नागरिकता कानून से जुड़े मुद्दो को लेकर चर्चा करनी हो वो उनके दफ्तर से समय ले सकता है. तीन दिनों के भीतर समय दे दिया जाएगा. पीएफआई के शाहीन बाग प्रोटेस्ट से लिंक पर उन्होंने कहा कि हम लोग सभी रिपोर्ट्स को देख रहे हैं.

दिल्ली में हमारा वोट परसेंट बढ़ा है- अमित शाह

अमित शाह ने कहा कि ये बात सही है कि कुछ राज्यों में हमें सफलता नहीं मिली है. लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि लोगों का बीजेपी से भरोसा उठा है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में हम जीते हैं. हरियाणा में हमारी छह सीटें कम हुई हैं. झारखंड में चुनाव हारे और दिल्ली में सीट और वोट परसेंट बढ़ा है.

EXCLUSIVE: ABP न्यूज़ से बोले मनोज तिवारी- दिल्ली चुनाव में चेहरे के साथ उतरते तो नतीजे कुछ और होते

गौरतलब है कि दिल्ली चुनाव में बीजेपी के नेताओं के तरफ से विवादित बयान दिए गए. इसको लेकर चुनाव आयोग ने कार्रवाई भी की. चुनाव नतीजों से पहले बीजेपी दिल्ली में सरकार बनाने का दावा कर रही थी लेकिन 11 फरवरी को नतीजे बिल्कुल उलटे आए. बीजेपी दहाई का भी आंकड़ा नहीं छू पाई और उसके खाते में आठ सीटें आईं. पिछली बार के मुकाबले ये से पांच सीटें ज्यादा हैं. बीजेपी को कुल 38.51 फीसदी वोट मिले.