केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शनिवार (04 अक्टूबर, 2025) को छत्तीसगढ़ के बस्तर दौरे पर पहुंचे. यह दौरा कई मायनों में ऐतिहासिक रहा. अमित शाह ने सबसे पहले मां दंतेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना की और माता से बस्तर को नक्सल मुक्त करने का आशीर्वाद मांगा.

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इसके बाद वे बस्तर दशहरा की महत्वपूर्ण रस्म मुरिया दरबार में शामिल हुए, जहां उन्होंने परंपरा के अनुसार बस्तर दशहरा समिति के प्रमुखों और सभी ग्राम प्रमुखों से मुलाकात कर उनके गांवों की समस्याएं सुनीं और प्रशासन को तत्काल निराकरण के निर्देश दिए. 

बस्तर के हर गांव में बिजली, सड़क और पानी का वादा

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अमित शाह ने बस्तर दशहरा के प्रमुख माझी चालकियों को आश्वासन दिया कि 2031 तक बस्तर के हर एक गांव में बिजली, सड़क और पानी की व्यवस्था होगी. इस गांव का चौमुखी विकास होगा और जो गांव नक्सली मुक्त हो रहे हैं, उन गांवों के विकास के लिए छत्तीसगढ़ सरकार एक करोड़ रुपए की राशि दे रही है और इस राशि से गांव में विकास कार्य हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि साल 2031 तक बस्तर संभाग का ऐसा कोई भी गांव नहीं होगा, जहां बिजली नहीं पहुंची हो.

मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना का किया शुभारंभ 

मुरिया दरबार में शामिल होने के बाद केंद्रीय के गृहमंत्री अमित शाह लालबाग मैदान में चल रहे बस्तर दशहरा महोत्सव के स्वदेशी मेले में पहुंचे और इस मेले में लगे स्टॉल का अवलोकन किया. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना के तहत सातों जिले के नक्सल प्रभावित 250 से अधिक गांव में शुरू हुई बस सेवा के तहत 36 यात्री बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस बस सेवा के शुरू होने से अब 250 से अधिक गांव के लोग बस सेवा के जरिये मुख्यालय से जुड़ सकेंगे.

अमित शाह का बस्तर को लेकर बड़ा ऐलान

इधर बस्तर महोत्सव के मंच से जनता को संबोधित करते हुए गृहमंत्री ने कहा, 'मैं मां दंतेश्वरी से प्रार्थना करके आया हूं कि 31 मार्च 2026 तक बस्तर पूरी तरह नक्सल मुक्त हो. हमारे जवानों को इतनी शक्ति दें कि वे इस लाल आतंक को हमेशा के लिए समाप्त करें. उन्होंने कहा कि दिल्ली में बैठे कुछ लोग कहते हैं कि बस्तर में विकास और नक्सलवाद की लड़ाई चल रही है, लेकिन अब बस्तर विकास के मार्ग पर मजबूती से आगे बढ़ रहा है.'

उन्होंने बताया, 'यहां हर घर में बिजली, शौचालय, पीने का पानी, स्वास्थ्य बीमा और राशन जैसी सुविधाएं पहुंच रही हैं. अमित शाह ने कहा कि नक्सलवाद से किसी का भला नहीं हुआ. जो युवा गुमराह होकर इस रास्ते पर चले गए हैं, उन्हें मुख्यधारा में लौटना चाहिए. छत्तीसगढ़ की सरेंडर पॉलिसी देश में सबसे बेहतर है. बीते एक माह में बस्तर संभाग में 500 से ज्यादा नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है.'

अमित शाह की नक्सलियों को चेतावनी

उन्होंने यह भी कहा कि जो गांव नक्सल मुक्त होंगे उन गांवों के विकास के लिए एक करोड़ रुपए दिए जा रहे हैं. गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 साल में छत्तीसगढ़ के विकास के लिए चार लाख 40 हजार करोड़ रुपये दिए हैं और इससे शिक्षा, स्वास्थ्य और लघु उद्योग के क्षेत्र में बस्तर तेजी से आगे बढ़ रहा है.  

उन्होंने नक्सलियों को चेताया कि अगर आप हथियार डालते हैं तो आपका स्वागत है, लेकिन अगर बस्तर को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की तो हमारे सशस्त्र बल मुंहतोड़ जवाब देंगे.  31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद इस धरती से खत्म कर दिया जाएगा.

बस्तर की संस्कृति और गौरव का सम्मान

गृहमंत्री ने बस्तर दशहरा को विश्व का सबसे बड़ा उत्सव बताते हुए कहा कि यह 75 दिनों तक चलने वाला त्यौहार बस्तर की सांस्कृतिक शक्ति का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि 14वीं शताब्दी से चली आ रही रथ यात्रा सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि बस्तर की पहचान है.

माता दंतेश्वरी का रथ बनाना भगवान जगन्नाथ से कठिन

अमित शाह ने कहा कि जब उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से रथ निर्माण प्रक्रिया जानी तो उन्हें पता चला कि माता दंतेश्वरी का रथ बनाना भगवान जगन्नाथ के रथ से भी अधिक कठिन है. इधर मुरिया दरबार में आदिवासी जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने मांझी-चालकी और जनजातीय प्रमुखों के साथ भोजन किया.

उन्होंने कहा कि मुरिया दरबार लोकतंत्र की जड़ों का उदाहरण है. सन 1874 से चली यह संवाद परंपरा आज भी जीवित है, यही बस्तर की असली शक्ति है. इसके बाद गृहमंत्री ने मांझी चालकी और बस्तर दशहरा समिति के प्रमुखों के साथ भोजन भी किया.

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