Jammu Kashmir Review Meeting: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार (13 अप्रैल) को जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा को लेकर गृह मंत्रालय में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक में एनएसए अजीत डोभाल (NSA Ajit Doval), जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा (Manoj Sinha), गृह सचिव अजय भल्ला, डीजीपी जम्मू-कश्मीर दिलबाग सिंह और एमएचए व केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में शामिल हुए. 

अमित शाह को केंद्र सरकार और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के सुरक्षा अधिकारियों की ओर से जम्मू कश्मीर में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई. पीटीआई के सूत्रों ने कहा कि नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्रों में स्थिति, सीमापार से घुसपैठ की कोशिशों और अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाने के प्रयासों पर भी बैठक में चर्चा हुई. 

जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग बढ़ी

पिछले तीन सालों में जम्मू कश्मीर में कई टारगेट किलिंग की वारदातें हुई हैं. सरकार ने संसद में बताया था कि 2019 में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त किए जाने के बाद से जुलाई 2022 तक जम्मू कश्मीर में पांच कश्मीरी पंडितों और 16 अन्य हिंदुओं और सिखों सहित 118 नागरिक मारे गए हैं. मई में, जम्मू में कटरा के पास बस में आग लगने से चार हिंदू तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी और कम से कम 20 घायल हो गए थे. 

2019 में हटाया गया था अनुच्छेद 370

पुलिस को संदेह है कि आग लगाने के लिए किसी बम का इस्तेमाल किया गया होगा. जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान 5 अगस्त, 2019 को निरस्त कर दिये गए थे और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया था. 

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