Delhi Water Crisis: राष्ट्रीय राजधानी दिल्‍ली के कई इलाके पानी की समस्‍या से जूझ रहे हैं, यह समस्‍या तब और बढ़ जाती है, जब गर्मियों का मौसम शुरू होता है. पीने के पानी के लिए लोगों को घंटों लाइन लगानी पड़ती है. जल बोर्ड अध्यक्ष सत्येन्द्र जैन ने कहा कि गर्मी के महीनों में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जल बोर्ड ने पर्याप्त व्यवस्था की है. पीने के पानी की समस्या से निपटने के लिए 'समर एक्शन प्लान 2022' तैयार किया है. इस संबंध में जल मंत्री और दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष सत्येंद्र जैन ने दिल्ली सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठक भी की थी. लेकिन किसी भी प्लान और बैठक का ज़मीनी स्तर देखने को नहीं मिल रहा.


घंटों लाइन में लग कर पानी भरने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते लोगों से एबीपी न्यूज़ ने एक्सक्लूसिव बातचीत की. 11वीं में पढ़ रही शाहिना की परीक्षा चल रही हैं. वो पहले पानी भरती हैं और उसके बाद स्कूल जाकर परीक्षा देती है. "आधे घंटे से खड़ी हूं, अब टैंकर आने के बाद आधा घंटा और खड़ा रहना पड़ेगा तब जाकर पानी मिलेगा. घर पर पीने लायक पानी नही आता. एक दिन छोड़ कर आती हूं पानी भरने क्योंकि स्कूल भी है ना, पेपर चल रहे हैं. 9 बजे पेपर शुरू होता है."


इन लोगों को भी बाकियों की तरह काम पर निकालना है, स्कूल जाना है. लेकिन काम पर जाने से पहले का ' काम ' पानी भरने का है, जिसके लिए रोज़ घंटों बर्बाद करने पड़ते हैं. कोई 5:30 बजे से पानी की लाइन में खड़ा है तो कोई 6 बजे से. गुड्डू बताते हैं कि वो 7 बजे से पानी भरने का इंतजार कर रहे हैं और अभी आधा घंटे में नंबर आएगा. "पानी का कनेक्शन है घर में, लेकिन वो साफ नही आता. कपड़े धोने के लिए वो इस्तेमाल होता है. "जफर कहते हैं कि एक घंटे से पानी के लिए खड़ा हूं. पहले लाइन लगानी पड़ती है फिर नंबर आता है. यहां नही आए तो पीने का पानी नही मिलेगा. कतार में खड़े स्कूल की छात्रा शाजिया बताती हैं कि वो रोज पानी भरने आती हैं क्योंकि मम्मी ने भेजा है.


जिन लोगों को पानी इस कतार में लग कर मिल गया उनसे भी एबीपी न्यूज़ ने बातचीत की है. वरिष्ठ नागरिक सुखदेव अपने कंधों पर 20 लीटर की बोतल उठा घर तक पैदल जायेंगे. दो चक्कर लगाकर दो बोतलें घर तक उनके द्वारा घर के छह सदस्यों के लिए पहुचाई जाएगी. वो कहते हैं कि "एक घंटा इंतजार करना पड़ा. हर रोज ऐसे ही इंतजार करना होता है. अब काम पर जाएंगे, बेलदारी के लिए लेट हो जाते हैं. दो बड़ी बोतलें हैं. एक एक कर के कंधे पर उठा कर ले जायेंगे." अनुज चौधरी कहते हैं कि इसके बाद काम पर भी जाना है. घर पर टोटी लगी है लेकिन पानी नही आता.


टैंकर के ड्राइवर राजू बताते हैं कि इसके अलावा कई जगह टैंकर पानी लेकर जाता है जैसे माता मंदिर, चिल्ला गांव के अंदर गली में, मोडे, चौक इत्यादि पर. इस टैंकर में तीन हजार लीटर पानी है, जिससे सबके लिए पानी हो जाता है और कमी नहीं पड़ती.