कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच जारी रस्साकशी के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार शाम राजभवन जाकर धनखड़ से मुलाकात की है. सचिवालय सूत्रों ने इसे ‘शिष्टाचार भेंट’ बताया है.


दरअसल, ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच काफी समय से मतभेद चल रहा है. कुछ समय पहले ममता सरकार ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से पश्चिम बंगाल के राज्यपाल धनखड़ को हटाने की मांग को लेकर एक पत्र भी लिखा था. ऐसे में ममता बर्नजी का राज्यपाल से मिलने जाना कई सवाल खड़े करता है.

ममता बनर्जी राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’’ से सीधे राजभवन राज्यपाल से मुलाकात करने गईं. राज्य सचिवालय में उच्च पद पर कार्यरत एक अधिकारी ने बताया,‘‘यह शिष्टाचार मुलाकात थी. इसमें कुछ भी आधिकारिक नहीं है. माननीय मुख्यमंत्री राज्यपाल को नववर्ष की शुभकामनाएं देना चाहती थीं.’’


मुख्यमंत्री व राज्यपाल की यह मुलाकात करीब एक घंटे चली. राज्यपाल व सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच खराब होते रिश्तों की पृष्ठभूमि में ममता बनर्जी की धनखड़ से मुलाकात अहम है क्योंकि राज्यपाल राज्य की कानून व्यवस्था, शासन, स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव की संभावना व अन्य मुद्दों पर अकसर ट्वीट करते रहे हैं.


लोकतंत्र में मुख्यमंत्री हमेशा राज्यपाल से मुलाकात कर सकती हैं- सयंतन बसु


बाद में धनखड़ ने ट्वीट किया, 'मुख्यमंत्री ने आज राजभवन में मुझसे मुलाकात की. प्रथम महिला सुदेश धनखड़ और मैंने माननीय मुख्यमंत्री को नववर्ष की शुभकामनाएं दी.' राज्यपाल ने मुलाकात की कुछ तस्वीरें ट्विटर पर भी साझा की. इस बीच, बीजेपी प्रदेश महासचिव सयंतन बसु ने कहा 'लोकतंत्र में मुख्यमंत्री हमेशा राज्यपाल से मुलाकात कर सकती हैं और मुझे इस पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए.'





मुख्यमंत्री के दौरे का हवाला देते हुए वाम मोर्चा विधायक दल के नेता व माकपा विधायक सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि मुख्यमंत्री कभी भी राज्यपाल से मुलाकात कर सकती हैं. उन्होंने कहा, ' हालांकि, मेरा सवाल है कि जब उनके (मुख्यमंत्री) सभी कार्यक्रम पहले से तय थे तो अचानक उन्हें राज्यपाल से मुलाकात करने क्यों जाना पड़ा और यह इतनी हड़बड़ी में हुआ कि लगभग सभी को अंतिम समय में उनके दौरे के बारे में जानकारी मिली.'


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