कोलकाता: बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह दो दिन के पश्चिम बंगाल दौरे पर हैं.  अमित शाह का ये दौरा दूसरे राज्यों के दौरे से अलग है. शाह की नज़रें बंगाल पर अगले लोकसभा चुनावों के मद्देनजर गड़ी हुई है. शाह का ये दौर उस पुरुलिया ज़िले में भी है, जहां बीजेपी के दो कार्यकर्ताओ की फांसी पर लटका कर हत्या कर दी गई थी. शाह जल्द ही राज्य में रथयात्रा निकालेंगे.

कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए पुरुलिया का दौरा

कोलकता की सड़कों पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पोस्टर पाटे हुए हैं, ये वो रास्ता है जहां से अमित शाह रामपुरहाट से बीरभूमि जाएंहगे. ममता दीदी का संदेश साफ है कि बंगाल में माटी-ममता-मानुष सिर्फ दीदी का है, लेकिन अमित शाह इसी ज़िद से टक्कर लेने और ज़्यादा ज़िद के साथ बंगाल दौरे पर हैं. अमित शाह ने बंगाल का ये दौरा तब तय किया जब तीन हफ्ते पहले एक के बाद एक बीजेपी के दो कार्यकर्ताओ की हत्या टीएमसी ने फांसी पर  लटका कर कर दी.

पुरुलिया ज़िले में रैली भी करेंगे अमित शाह 

पुरुलिया ज़िले के बलरामपुर के कार्यकर्ताओ में एक त्रिलोचन महतो की टीशर्ट पर तो बाकायदा लिख दिया गया था, " बीजेपी के लिए काम करने का यही हश्र होगा". इसके बाद  अमित शाह ने बंगाल दौरे का कार्यक्रम बनाया था. अमित शाह पुरुलिया ज़िले में रैली भी करेंगे और उन कार्यकर्ताओं के परिवारजनों से भी मिलेंगे, जिनकी हत्या इसी महीने की शुरुआत में फांसी पर लटका कर कर दी गई थी.

 बंगाल की 20 से 22 सीटों पर अमित शाह की नजर

अमित शाह के इस दौरे के पीछे लोकसभा चुनावों का बड़ा टारगेट भी छिपा है. अमित शाह क्रन्तिकारियों कि धरती से 20 से 22 सीटें जीतने की आस लगाए बैठे हैं. इसके लिए वे लगातार बंगाल में पार्टी गतिविधियो की रिपोर्ट लेते रहते हैं. खुद अमित शाह ने एबीपी न्यूज़ को बताया है कि हर महीने वे पार्टी की कोर टीम के साथ बंगाल का रिव्यू करते हैं. अमित शाह का मानना है कि बंगाल में बड़े बदलाव की ज़मीन तैयार है. पंचायत चुनावों में जिस तरह से बीजेपी को सफलता मिली है वो अपने आप में इस और इशारा करने के लिए काफी है. शाह का मानना है कि अगर पंचायत चुनाव निष्पक्ष तरीके से होते तो बीजेपी आधे से ज़्यादा पंचायतों में जीत कर आती.

बंगाल में 90 दिनों लंबी रथयात्रा निकलेंगे अमित शाह

अमित शाह लोकसभा चुनावों से पहले पश्चिम बंगाल में बड़ी रथयात्रा निकालने वाले हैं. वे 90 दिनों की इस यात्रा में पश्चिम बंगाल के हर जिले में जाएंगे और ममता के खिलाफ लड़ने और मरने के लिए कार्यकर्ताओं का आह्वान करेंगे. हालांकि अभी इस यात्रा की तारीख और महीना तय नहीं हुए हैं.

लोकसभा से पहले टीएमसी में सेंध लगेगी

सूत्रों के मुताबिक, ममता सरकार में उनके तानाशाह रवैये के खिलाफ बेहद नाराज़गी है. करीब 22 से 30 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं. रणनीति के तहत बीजेपी इन विधायकों को बीजेपी में शामिल नहीं कर रही है, लेकिन लोकसभा चुनावो सें पहले टीएमसी के ये विधायक दीदी को तगड़ा झटका दे सकते हैं.

हिंदी पट्टी के नुकसान की भरपाई करेगा बंगाल

अमित शाह को इस बात का भी अंदाज़ है कि अगले लोकसभा में हिंदी पट्टी से बीजेपी की लोकसभा सीटें कम हो सकती है. खास तौर पर उत्तर प्रदेश में जहां मायावती और अखिलेश यादव का गठबंधन लगभग तय माना जा रहा है, वहां बीजेपी अपनी पुरानी सफलता (73 लोकसभा सीटें) नहीं दोहरा सकती. ऐसे में उन्हें उन राज्यों में ज़्यादा ज़ोर लगाना होगा, जहां न बीजेपी की सरकारें हैं और न ही बीजेपी को पिछले लोकसभा चुनावों में बड़ी सफलता मिली.

 बंगाल में 22 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य

अमित शाह की नज़र पश्चिम बंगाल पर ज़्यादा गहरी गड़ी हुई हैं. उसकी वजह है बंगाल में बीजेपी का कैडर खड़ा होना और ममता से लड़ना. 20 से 22 लोकसभा सीटों के साथ बीजेपी अगले लोकसभा में हिंदी पट्टी से होने वाली हानि की भरपाई कर सकती है.

पूरब और दक्षिण के राज्यों पर नज़र

बंगाल के अलावा अमित शाह की नज़रें ओड़िसा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु पर भी टिकी हुईं हैं. उत्तर भारत में पिछले लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने विपक्ष का सूपड़ा साफ कर दिया था. इस बार अमित शाह की नज़रें पूर्व और दक्षिण भारत पर भी टिकी हुईं हैं. तभी मोदी सरकार 2019 में पूर्ण बहुमत की सरकार बन सकती है.

ममता की तुष्टिकरण की नीति बढ़ाएगी बीजेपी का आधार

अमित शाह का मानना है कि असम के बाद अब बदलाव की बड़ी बयार बंगाल में बह रही है. बंगाल भी असम की तरह तुष्टिकरण की नीति कर खिलाफ सुलग रहा है. मुहर्रम करे लिए दुर्गा प्रतिमा विसर्जन पर रोक लगाने के ममता के फैसले ने इसमें घी डालने काम किया है.

अमित शाह का मानना है बंगाल पूरब का बड़ा सांस्कृतिक और राजनीतिक केंद्र है. यहां के बदलाव की बयार बंगाल से शुरू होकर पूरे पूर्वोत्तर तक जाएगी और लोकसभा 2019 में यहां से लोकसभा सीटों का बड़ा हिस्सा बीजेपी का हो जाएगा.

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