नई दिल्लीकेंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के घर पर आज शाम सभी दलों के नेताओं की अहम बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी मौजूद रहेंगी. दोनों बड़े मंत्री चीन के साथ जारी सीमा विवाद और कश्मीर के ताज़ा हालात पर बात करेंगे. इस बैठक को सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से पहले विपक्ष के साथ बेहतर तालमेल बनाने की सरकार की कोशिश माना जा रहा है.


चीन के साथ सीमा पर जारी विवाद,  जम्मू-कश्मीर के बिगड़ते हालात और  अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमला इन तीन मुद्दों पर विपक्ष संसद में सरकार को घेरने की कोशिश करेगा.


आज शाम गृह मंत्री राजनाथ सिंह के घर पर है बैठक 


इस बात के पूरे आसार हैं कि विपक्ष ही नहीं, एनडीए सरकार में शामिल बीजेपी के सहयोगी दल भी चीन विवाद और कश्मीर जैसे मुद्दों को संसद में उठा सकते हैं. शायद यही वजह है कि सभी दलों के प्रमुख नेताओं को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के नाम से न्योता भेजकर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के घर पर बैठक बुलाई गई है. बैठक में सुषमा स्वराज खुद डोकलाम सीमा विवाद पर अब तक उठाए गए कदमों की जानकारी सभी दलों को देंगी.


सरकार की पाकिस्तान नीति पर भी बात होगी


वरिष्ठ पत्रकार सुहासिनी हैदर का मानना है कि सरकार की ये बैठक संसद के 17 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र से पहले अहम मुद्दों पर विपक्ष के साथ बेहतर तालमेल बनाने की कोशिश के तहत बुलाई गई है. सुहासिनी हैदर का कहना है, ‘’भारत सरकार ने कोई विस्तृत ब्रीफिंग नहीं की है. विपक्ष ने मांग की है बताया जाए चीन के साथ क्या हो रहा है? वरना ये मुद्दा संसद के सत्र में छा जाएगा. सुहासिनी हैदर ये भी मानती हैं कि चीन के साथ मौजूदा तनाव एक ऐसे नाज़ुक मोड़ पर है, जिसमें हालात कोई भी मोड़ ले सकता है.


कश्मीर के हालात पर राजनाथ सिंह करेंगे बात


एबीपी न्यूज को मिली जानकारी के मुताबिक सभी दलों को हालात की जानकारी देने की सलाह प्रधानमंत्री मोदी ने दी.  जिसके बाद सभी नेताओं को बैठक का न्योता भेजा गया. बैठक में राजनाथ सिंह भी चीन के साथ जारी विवाद के अलावा सरकार की पाकिस्तान नीति और कश्मीर में हालात सुधारने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी देंगे.


सरकार जानती है कि विपक्ष कश्मीर और चीन के मुद्दे पर सरकार को घेरेगा, इसीलिए पीएम मोदी ने राजनाथ और सुषमा के जरिए विपक्ष को भरोसे में लेने की कोशिश की है. देखना दिलचस्प होगा कि ये दोनों बड़े मंत्री इसमें कितने सफल होते हैं.