Omar Abdullah On Seat Sharing: नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार (27 फरवरी) को कहा कि उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव के लिए केंद्र शासित प्रदेशों लद्दाख और जम्मू कश्मीर में सीट-बंटवारे पर कांग्रेस के साथ दूसरे दौर की चर्चा करेगी क्योंकि पिछले सप्ताह हुई पहले दौर की बातचीत में दोनों दल किसी सहमति पर नहीं पहुंच सके थे.


उमर ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘नई दिल्ली में चर्चा का एक दौर हो चुका है. कांग्रेस की ओर से कुछ प्रस्ताव रखे गए थे जिन पर नेशनल कान्फ्रेंस पार्टी के भीतर चर्चा की आवश्यकता थी. उनकी ओर से दिए गए प्रस्तावों में से एक को नेशनल कान्फ्रेंस के वरिष्ठ नेतृत्व से स्वीकृति नहीं मिली है. तो हम वापस जाएंगे. हम दूसरे दौर की चर्चा करेंगे.''


क्या कुछ बोले उमर अब्दुल्ला?


पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख में केवल छह सीट हैं, जिनमें से तीन सीट पार्टी के पास हैं. वर्ष 2019 के आम चुनाव में नेशनल कान्फ्रेंस ने श्रीनगर, बारामूला और अनंतनाग सीट जीती थीं, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जम्मू, उधमपुर और लद्दाख पर विजयी रही थी.


उन्होंने कहा, ''इसलिए, हम केवल तीन सीट पर चर्चा कर रहे हैं - जम्मू, उधमपुर और लद्दाख. मुझे नहीं लगता कि यह बहुत मुश्किल होगा.'' उन्होंने कहा, ''मुझे यकीन है कि अगले दौर की चर्चा में हम इसे (सीट-बंटवारे की व्यवस्था) पूरा कर लेंगे. मैं कुछ दिनों में दिल्ली जा रहा हूं और वहां लोगों के साथ एक और दौर की चर्चा करूंगा.''


उद्देश्य केवल बीजेपी की सीट कम करना- उमर अब्दुल्ला


उमर अब्दुल्ला ने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन का उद्देश्य केवल बीजेपी की सीट कम करना है, न कि गठबंधन सदस्यों की सीट कम करना. उन्होंने कहा, ''अभी तीन सीट हमारे पास है. हमारा उद्देश्य बीजेपी की सीट कम करना है, गठबंधन के सदस्यों की सीट कम करना नहीं. हम कांग्रेस के साथ जम्मू, लद्दाख और उधमपुर सीट को लेकर चर्चा कर रहे हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस उन तीन सीट पर चर्चा नहीं कर रही जो उसके पास हैं.''


विधानसभा चुनाव में देरी के सवाल पर ये बोले एनसी उपाध्यक्ष


केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराने में देरी के बारे में पूछे जाने पर उमर ने उम्मीद जताई कि अगले महीने निर्वाचन आयोग के जम्मू कश्मीर दौरे से कुछ अच्छी खबर मिलेगी. उन्होंने कहा, ''2014 से जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं हुए हैं. यह अब दसवां साल है. जैसा कि मैंने पहले कहा है, यह शर्म की बात है कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनावों की घोषणा सुप्रीम कोर्ट को करनी पड़ी.''


उन्होंने कहा, ''उसकी घोषणा निर्वाचन आयोग की ओर से की जानी चाहिए थी. अब आयोग मार्च के मध्य में यहां आ रहा है. मुझे उम्मीद है कि हमें उससे (दौरे) कुछ अच्छी खबर सुनने को मिलेगी.''


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