Akhilesh Yadav Statement : संविधान बचाओ महारैली में शुक्रवार को पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) बीजेपी (BJP) सरकार पर जमकर बरसे. लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri violence) में जिन किसानों की मौत हुई थी, उनके परिवारों को सरकार बनने पर 25-25 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की. लखनऊ (Lucknow) के कांशीराम स्मृति उपवन में पूर्व सांसद सावित्रीबाई फुले (Savitribai Phule) की ओर से इस रैली का आयोजन किया गया था. अखिलेश ने कहा कि बाबा साहेब भीम अंबेडकर (Baba Saheb bhim rao Ambedkar) ने जो संकल्प दिलाया है, हम उसके साथ खड़े हैं. आने वाले समय में क्या परिस्थितियां होंगी, कोई नहीं जानता. दुनिया में बाबा के जैसा कोई व्यक्ति नहीं हुआ और न ही होगा.


पंचायत चुनाव में पुलिस ज्यादती पर दिखा आक्रोश
हाल ही में बीते पंचायत चुनाव पर भी सपा सुप्रीमो का आक्रोश सामने आया. उन्होंने कहा, ''अभी पंचायत चुनाव हुआ. जीते हुए को हरा दिया गया. जिनकी संख्या ज्यादा थी, जिनके सदस्य ज्यादा थे, जिनके पास बहुमत था, वे चुनाव हार गए.'' अखिलेश ने कहा, माता-बहनें जो प्रस्तावक थीं, उनके कपड़े फाड़ दिए गए. ऐसी स्थिति के बारे में तो महाभारत में ही पढ़ा था. बाल पकड़कर सड़कों पर घसीटा गया. पुलिस ने सड़क पर पीटा. हम लोग संविधान पर भरोसा करने वाले हैं. यही वजह है कि हम डटे हैं. आपका अधिकार छीना गया. लेकिन, हम विश्वास दिलाते हैं कि वह सम्मान और हक वापस दिलाएंगे. ''


‘जब घाटे में हैं एयरपोर्ट, फिर क्यों बना रहे’
जेवर में बन रहे इंटरनैशनल एयरपोर्ट को लेकर भी अखिलेश यादव ने निशाना साधा. लखनऊ एयरपोर्ट की तरफ इशारा करते हुए कहा, पहले यह सरकारी एयरपोर्ट था, लेकिन अब नहीं है. मुझे एक बात समझ नहीं आती, सारे एयरपोर्ट, एयरलाइंस, कंपनियां घाटे में हैं, फिर बीजेपी वाले कैसे बोल रहे हैं कि सबसे बड़ा एयरपोर्ट बना रहे हैं. हमारे आपके पैसे से एयरपोर्ट बनाकर फिर किसी को बेच देंगे.


नोटबंदी को भी किया याद
अखिलेश यादव ने नोटबंदी के फैसले को भी संविधान बचाओ महारैली के मंच से याद किया। बोले, एक बार राष्ट्र के नाम संदेश आया तो रुपया चलना बंद हो गया. हम सबको लाइन में लगा दिया. एक दिन फिर राष्ट्र के नाम संदेश आया तो 3 काले क़ानून वापस हो गए. जो कानून संसद से पास हुआ, उसे टीवी पर बोलकर वापस ले लिया गया.


‘बीजेपी का दरवाजा यहीं से खुला था, यहीं से बंद होगा’
सपा सुप्रीमों ने कहा कि भाजपा का दरवाजा यहीं से खुला था. इस बार उत्तर प्रदेश की जनता ने तय किया है कि यहीं से दरवाजा बंद होगा. इन्हें सत्ता से बाहर किया जाएगा. 2022 का विधानसभा चुनाव कोई मामूली चुनाव नहीं है.


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