नई दिल्लीः मुगल वंश की नींव रखने वाले बाबर के पोते और हिंदुस्तान पर राज करने वाले मुगल शासक अकबर ने करीब 415 साल पहले सीता-राम पर के चित्र के साथ चांदी का सिक्का जारी किया था. साल 1604 में आगरा टकसाल से इस सिक्के को जारी किया गया था. चांदी के इस सिक्के के पीछे फारसी में लिखा गया था. अकबर ने निर्णय इसलिए लिया जिससे की लोगों के लिए सौहार्द की मिसाल पेश हो सके.


इतिहासकारों का मानना है कि बीरबल और राजा टोडरमल के सलाह से चांदी के सिक्के जारी किए गए थे. इन सिक्कों में देवनागरी भाषा में राम-सिया लिखा गया था. अपने शासन के अंतिम दौर में 1604-05 के बीच अकबर ने ऐसे कई सिक्के चलाए, जिनमें हिंदू प्रतीक चिह्न थे.


इन सिक्कों में स्वास्तिक, त्रिशूल, गोविंद वाले सिक्के प्रमुख तौर पर चालाए गए थे. चार ग्राम वजन के इन सिक्कों का निर्माण आगरा के साथ सीकरी की टकसाल में भी होता था.


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