Indian Army: भारतीय सेना ने रविवार (30) को एक ऐसा वीडियो शेयर किया, जिसे देखकर चीन और पाकिस्तान की नींद उड़ सकती है. सेना की तरफ से 'आकाश मिसाइल सिस्टम' का एक शानदार वीडियो शेयर किया गया. इसमें मिसाइल की टारगेट को सटीकता के साथ नेस्तनाबूद करने की ताकत को देखा जा सकता है. आकाश मिसाइल सिस्टम को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) ने तैयार किया है. 


पिछले साल दिसंबर में भारतीय वायुसेना ने 25 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद चार टारगेट्स को आकाश मिसाइल सिस्टम के जरिए नेस्तनाबूद किया. इस तरह मिसाइल की ताकत से दुनिया को परिचित करवाया गया. डीआरडीओ ने बताया है कि भारत सिंगल फायरिंग यूनिट का इस्तेमाल करके ऐसी क्षमता रखने वाला पहला देश बन गया. डीआरडीओ ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए देश की इस उपलब्धि की जानकारी दी थी. 


सेना के जरिए शेयर किया आकाश मिसाइल का वीडियो


भारतीय सेना के वेस्टर्न कमांड ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आकाश मिसाइल सिस्टम का वीडियो शेयर किया है. 40 सेकंड के इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक मिसाइल सिस्टम से बाहर निकलती है और निशाना लगाती है. वीडियो में देखा जा सकता है कि सेना के वाहन के जरिए मिसाइल सिस्टम को समुद्र तट के किनारे लाया जाता है. फिर एक छोटे से अनमैन्ड विमान को उड़ाया जाता है. इसके बाद मिसाइल उसे नष्ट करने के लिए लॉन्च होती है. 






वीडियो में आगे दिखाई पड़ता है कि मिसाइल विमान को बड़ी आसानी से हवा में ही बिखेर देती है. विमान के तबाह होने के बाद उसमें से धुआं निकलते भी दिखाई देता है. वीडियो में कहा गया है कि सेना की नजर से कोई भी चीज नहीं बच सकती है, फिर वो कितनी भी खतरनाक क्यों नहीं हो. 


क्या है आकाश मिसाइल की खासियत?


पिछले कुछ सालों में भारत की मिसाइल क्षमता में काफी ज्यादा इजाफा हुआ है. आकाश एक शॉर्ट रेंज वाली सर्फेस टू एयर यानी सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है. इसकी रेंज 25 किलोमीटर की है, यानी इतनी दूरी पर मौजूद किसी भी टारगेट को आसानी से खत्म किया जा सकता है. एक वक्त विदेशों से आयात होने वाले रक्षा उत्पादों में इस तरह का मिसाइल सिस्टम प्रमुख हुआ करता था. हालांकि, अब इस तरह के हथियारों को देश में ही तैयार किया जा रहा है. 


आकाश मिसाइल सिस्टम की टारगेट को खत्म करने की क्षमता 88 फीसदी है, जिसे 98.5 फीसदी तक किया जा सकता है. मिसाइल सिस्टम में लॉन्चर, मिसाइल, कंट्रोल सेंटर, एक इंटीग्रल मिशन गाइडेंस सिस्टम, एक मल्टीफंक्शनल फायर कंट्रोल रडार, एक आर्मिंग एंड एक्सप्लोजन सिस्टम और डिजिटल ऑटोपायलट जैसी चीजें लगी हुई हैं. 


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