कोविड महामारी के दौरान हर आम- ओ -खास ने अपनी-अपनी तरफ से खास  एहतियात बरते. इन खास एहतियातों में अमीरों और मशहूर शख्सियतों ने हवाई सफर के लिए कमर्शियल फ्लाइट की जगह प्राइवेट जेट और हेलीकॉप्टर को तवज्जो दी. इस वजह से इस दौरान प्राइवेट जेट विमानों की अच्छी खासी मांग थी, लेकिन एक साल बाद ही इस सेक्टर को बड़ा झटका लगा है. बीते साल के मुकाबले इस साल प्राइवेट जेट और हेलीकॉप्टरों की उड़ानों में खासी कमी आई है. ये खुलासा सरकार के स्वामित्व वाली भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के इकट्ठा किए आंकड़ों से हुआ है.


निजी हवाई सफर में 16 फीसदी की कमी


महामारी के दौरान निजी जेट विमानों की मांग काफी बढ़ गई थी, लेकिन अब इसमें तेजी से कमी आ रही है. इस साल अप्रैल से नवंबर की इसी अवधि में बीते साल के मुकाबले निजी जेट और हेलीकॉप्टरों की उड़ानों में 16.5 फीसदी की गिरावट देखी गई. इसके उलट 2020 के मुकाबले बीते साल 2021 के अप्रैल-नवंबर में इस तरह के विमानों की उड़ानों में 48.4 बढ़ोतरी दर्ज की गई थी.


सरकार के स्वामित्व वाले भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के संकलित आंकड़ों से ये जानकारी सामने आई है. जैसे-जैसे कोविड-19 महामारी कम होती जा रही है. भारत के अमीर और मशहूर लोग प्राइवेट विमानों को अलविदा कह रहे हैं. इसकी जगह वो कमर्शियल उड़ानों का विकल्प चुन रहे हैं, जिससे निजी जेट की मांग में गिरावट आ रही है. देश भर के हवाई अड्डों से महामारी से पहले अप्रैल-नवंबर 2019 में सामान्य विमानों ने कुल 1,78,860 उड़ानें भरी थी. 


महामारी के पहले साल अप्रैल-नवंबर 2020 में साल की दूसरी छमाही में लॉकडाउन और अन्य प्रतिबंध हटाए जाने के बाद यात्रा शुरू हुई थी. इसके बावजूद 1,28,180 निजी जेट वाली हवाई उड़ानें दर्ज की गई थी. यह अप्रैल-नवंबर 2021 में बढ़कर 1,90,580 हो गई थी, लेकिन अप्रैल-नवंबर 2022 में घटकर इन निजी जेट उड़ानों की संख्या 1,59,130 हो गई थीं. जबकि सामान्य विमानन हवाई उड़ानों में निजी जेट और हेलीकॉप्टर भी शामिल हैं. टेकऑफ़ और लैंडिंग को दो विमान उड़ानों के तौर गिना जाता है. 


लॉकडाउन के बाद बढ़ी थी प्राइवेट जेट की मांग


दो महीने के लंबे लॉकडाउन के बाद भारत ने मई 2020 में घरेलू उड़ानें शुरू कीं थीं, तब कई हाई नेट वर्थ (एचएनआई) वाले लोगों यानी बेहद अमीर लोगों के साथ-साथ कंपनियों ने देश और विदेश में सफर के लिए निजी जेट का विकल्प चुना था. यहीं नहीं इन लोगों ने अपने परिवारों के साथ छुट्टियों के लिए चार्टर उड़ानें भी चुनीं. इससे निजी जेट और हेलीकॉप्टर ऑपरेटरों ने अच्छी खासा मुनाफा कमाया और ये सेक्टर फला-फूला था. 


निजी विमानों का विकल्प चुनने से इन बेहद अमीर लोगों को काफी मदद मिली थी. इस तरह की प्राइवेट उड़ानों से टचपॉइंट की संख्या कम हो गई और संक्रमण होने की संभावना भी कम हो गई.  उड्डयन उद्योग के आंकड़ों के मुताबिक एक शेड्यूल कमर्शियल फ्लाइट से हवाई सफर पर जाने वाले यात्री को प्राइवेट जेट से हवाई यात्रा की तुलना में अधिक टच प्वाइंट से गुजरना पड़ता है.


जहां निजी या प्राइवेट जेट से हवाई सफर के दौरान उड़ान भरने वाले शख्स को महज 40 टच प्वाइंट से गुजरना होता है तो शेड्यूल कमर्शियल फ्लाइट से सफर करने वाले यात्री को कम से कम 280 टच प्वाइंट से गुजरना होता है. लेकिन इस साल कोविड का असर कम होने के साथ ही इनमें से कई अमीर और मशहूर लोग कमर्शियल एयरलाइनों के फर्स्ट क्लास और बिजनेस क्लास में सफर करने के लिए लौट आए. 


कोरोना ने बढ़ाई थी प्राइवेट जेट इंड्रस्टी की रफ्तार


“कोविड के दौरान बीमारी के खौफ और घबराहट से एचएनआई के साथ-साथ कॉर्पोरेट घरानों ने भी अपने जानने वालों के साथ उड़ान भरने के लिए चार्टर्ड उड़ानों का विकल्प चुना था. जैसे-जैसे हालात सामान्य होते गए और लोगों के वैक्सीनेशन में बढ़ोतरी हुई और महामारी भी पैनडेमिक से एनडेमिक होने लगी तो इन एचएनआई और कॉर्पोरेट घरानों ने हवाई सफर के लिए प्राइवेट जेट का विकल्प छोड़ कमर्शियल उड़ानों से सफर करना शुरू कर दिया.


यहां ये बात ध्यान देने वाली है कि इनमें से कई एचएनआई ऐसे शख्स थे,  जिन्होंने कोविड से पहले कभी निजी जेट में उड़ान नहीं भरी थी. महामारी के बाद सरकार ने बीते साल अक्टूबर में एयरलाइन की उड़ानों की संख्या को नियमित करने के बाद उड़ानों के लिए घरेलू क्षेत्र को खोल दिया. इस साल मार्च से नियमित तौर पर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को भी मंजूरी दे दी. 


जहां बिजनेस जेट इंड्रस्टी कोविड के बाद फिर से रफ्तार पकड़ने के लिए संघर्ष कर रही है. वहीं भारत में शेड्यूल एयरलाइनों ने हाई एयर फेयर, होटल टैरिफ और महंगाई के बावजूद चालू वर्ष में यात्रियों की रिकॉर्ड संख्या दर्ज की है. हाल ही में भारत ने 24 दिसंबर को एक दिन में सबसे अधिक घरेलू यात्री संख्या 4,35,500 दर्ज की. ये  दिसंबर 2019 के 4,20,000 के उच्च स्तर को पार कर गई है. शेड्यूल्ड एयरलाइन का मतलब एयरलाइंस का संचालित कोई भी नागरिक विमान है जिसे भारत सरकार ने देश के अंदर किसी भी शेड्यूल हवाई परिवहन सेवा को संचालित करने की मंजूरी दी है.