Waqf Amendment Bill 2025: लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पेश होने से पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस विधेयक का विरोध किया. जनरल सेक्रेटरी मोहम्मद फजुलर्रहीम ने कहा कि यह बिल मुस्लिम समुदाय के अधिकारों को कमजोर करने वाला है और सरकार को इसे तुरंत वापस लेना चाहिए.

AIMPLB ने बिल पर क्या कहा?

मोहम्मद फजुलर्रहीम ने कहा कि इस संशोधन के बाद वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन अब मुस्लिमों के हाथ में नहीं रहेगा, बल्कि सरकार के नियंत्रण में चला जाएगा. उन्होंने कहा कि बिल में किए गए बदलाव बेहद गंभीर हैं और इससे वक्फ व्यवस्था पूरी तरह बदल जाएगी.

बिल को लेकर क्या हैं मुख्य आपत्तियां?

वक्फ बोर्ड के CEO पद पर अब मुस्लिम नहीं होगा. वक्फ संपत्तियों का नियंत्रण अब सरकार के पास होगा. वक्फ मामलों में शामिल वकील (प्रैक्टिशनर) का मुस्लिम होना अनिवार्य कर दिया गया है. धारा 3C(2) के तहत जब तक अधिकारी फैसला नहीं लेता, वक्फ संपत्ति को सरकारी संपत्ति माना जाएगा. जो लोग 12 साल से किसी वक्फ संपत्ति पर काबिज हैं, वे ही वहां बने रहेंगे. दफा 104 को खत्म कर दिया गया है.

JPC को बताया धोखा

AIMPLB ने संयुक्त संसदीय समिति (JPC) पर भी गंभीर आरोप लगाए. मोहम्मद फजुलर्रहीम ने कहा, "JPC ने मामला और बिगाड़ दिया है. एक सरकारी अधिकारी को शामिल करने से वह हमेशा सरकार के पक्ष में ही फैसला देगा. JPC पूरी तरह से एक धोखा और फरेब है."

सरकार से बिल वापस लेने की मांग

AIMPLB ने इस बिल को मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला बताया और सरकार से इस पर पुनर्विचार करने की अपील की. उन्होंने कहा कि यह बिल वक्फ संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाने की एक साजिश है, जिससे मुस्लिम समाज को बड़ा नुकसान होगा.

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