केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई वाले कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल की तरफ से नए कृषि सुधार संबंधी कानूनों के खिलाफ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंपे गए हस्ताक्षर को फर्जी करार दिया. कृषि मंत्री ने गुरूवार को कहा कि जो कुछ भी राहुल गांधी बोलते है उसे कांग्रेस भी गंभीरता से नहीं लेती है.


नरेन्द्र तोमर ने कहा- आज जब राहुल गांधी राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर को लेकर अपना विरोध दर्ज कराने गए थे, इन किसानों ने मुझे कहा कि कांग्रेस की तरफ से कोई भी हमारा हस्ताक्षर लेने के लिए नहीं आया. केन्द्रीय कृषि मंत्री ने आगे कहा- अगर राहुल गांधी इतने चिंतित थे तो उन्हें उस वक्त किसानों के लिए कुछ करना चाहिए था जब वह सत्ता में थे. कांग्रेस का चरित्र हमेशा किसान विरोधी रहा है.


 




इसके साथ ही, बागपत से आए 60 सदस्यों के किसान मजदूर संघ के सदस्यों के साथ बैठक के बाद नरेन्द्र तोमर ने कहा- बागत से आए किसानों ने केन्द्रीय कृषि कानूनों पर अपना समर्थन पत्र दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार को कृषि बिल को संशोधन को लेकर किसी दबाव में नहीं आना चाहिए.


इससे पहले, नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की. उधर मार्च निकालने और राष्ट्रपति से मुलाकात करने की कोशिशों के दौरान प्रियंका गांधी सहित कई कांग्रेस नेताओं को हिरासत में ले लिया गया. इस दौरान राहुल और प्रियंका गांधी दोनों मोदी सरकार पर जमकर बरसे.


राहुल गांधी ने कहा, 'नरेंद्र मोदी जी का एक ही लक्ष्य है कि दो चार बड़े उद्योगपतियों के लिए पैसा बनाना. जो लोग मोदी जी के खिलाफ खड़े होते हैं उनके खिलाफ कुछ ना कुछ बोलते हैं. किसान को आतंकवादी कहते हैं, कल को मोहन भागवत भी उनके खिलाफ खड़े हो गए तो उन्हें भी आतंकवादी बोल देंगे.'

राहुल गांधी ने कहा, 'हम तीन लोग राष्ट्रपति के पास करोड़ों हस्ताक्षर लेकर गए. यह देश की आवाज है. सर्दी का समय है, किसान आंदोलन कर रहे हैं और मर भी रहे हैं. आज मैं एडवांस में बोल रहा हूं किसान और मजदूर के सामने कोई शक्ति खड़ी नहीं हो सकती. अगर कानून वापस नहीं हुए तो सिर्फ आरएसएस और बीजेपी को ही नहीं, देश को भी नुकसान होने जा रहा है.'

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