Agnipath Scheme: केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. देशभर में युवा इस योजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी बीच अब तीनों सेनाओं की तरफ से अग्निपथ योजना को लेकर एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई है. जिसमें इस योजना के फायदों के बारे में बताया गया. सेना की तरफ से कहा गया कि, ये रिफॉर्म काफी पहले से होना था. 1989 में ये काम शुरू हुआ था. हमारी तमन्ना थी कि ये काम शुरू हो, इस पर लगातार काम चल रहा था. जिसमें कमांडिंग ऑफिसर की उम्र कम की गई. ऐसे ही कई बदलाव हुए. 


सेना को चाहिए जोश और होश का कॉन्म्बिनेशन 
तीनों सेनाओं की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि, हमें यूथफुल प्रोफाइल चाहिए. आप सभी को पता है कि 2030 में हमारे देश में 50 फीसदी लोग 25 साल की उम्र से कम होंगे. क्या ये अच्छा लगता है कि देश की सेना जो रक्षा कर रही है वो 32 साल की हो. हमारी कोशिश है कि हम किसी तरह से यंग हो जाएं. इस बारे में कई लोगों से बातचीत की गई, बाहरी देशों की भी स्टडी की गई. सभी देशों में देखा गया कि उम्र 26, 27 और 28 साल थी. भर्ती होने के तीन से चार तरीके हैं. सभी में कोई भी कभी भी बाहर निकल सकते हैं. उन देशों में भी वही चुनौतियां हैं जो हमारे यूथ के सामने हैं. 


सेना की तरफ से कहा गया कि, यूथ के पास जुनून और जज्बा ज्यादा है. लेकिन इसके साथ हमें होश की भी जरूरत है. सिपाही को जोश माना जाएगा, इसके बाद हवलदार से ऊपर के सभी लोग होश वाली कैटेगरी में आते हैं. हम यही चाहते हैं कि जोश और होश बराबर हो जाएं. तीनों सेनाओं की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते हुए बताया गया कि, तीनों सेनाओं में जवान जल्दी पेंशन ले रहे हैं. हजारों जवान 35 साल की उम्र में बाहर चले जाते हैं. आज तक हमने ये नहीं कहा कि ये बाहर जाकर क्या काम कर रहे हैं. सेना की तरफ से कहा गया कि, कल ड्रोन वॉरफेयर होगा, आज एक टैंक को कोई आदमी नहीं बल्कि ड्रोन चला रहा है. इसके लिए अलग किस्म के लोग चाहिए. वो भारत का नौजवान है, क्योंकि वो टेक्नोलॉजी के साथ पैदा हुए हैं. वो गांव से आता है. अगर 70 फीसदी जवान गांवों से आते हैं तो हमें उन्हें देखकर ही तमाम फैसले लेने हैं. उनके पास वहां पर खेत हैं या फिर कोई छोटा व्यवसाय है. उम्र में हमने कोई बदलाव नहीं किया है. 


अग्निवीरों को जवानों से ज्यादा मिलेगा अलाउंस
सेना की तरफ से बताया गया कि एक सेवानिधि योजना है, जिसमें अग्निवीर का योगदान 5 लाख है, सरकार अपनी तरफ से 5 लाख देगी. उनके सभी अलाउंस सेम होंगे. उनमें और जवानों में कोई भी अंतर नहीं होगा. क्योंकि वो हमारे साथ ही लड़ेगा. कोई गुंजाइश नहीं है कि हम उसे कमतर आंके. सेना में शहीद होने पर 1 करोड़ का इंश्योरेंस मिलेगा. जिस पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं देना होगा. 


डीएमए के एडिशनल सेक्रेटरी, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी और तीनों सेना के एचआर हेड इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे. जिनमें थलसेना से लेफ्टिनेंट जनरल सी पी पोन्नपा, वायुसेना से एयर ऑफिसर पर्सनैल एयर मार्शल एस के झा और नौसेना से वाइस एडमिरल डी के त्रिपाठी शामिल थे.