नई दिल्ली: देश के लिए गोला-बारूद से लेकर टैंक और तोप बनाने वाली ओर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) के कॉरपोरेटाइजेशन के बाद अब 15 अक्टूबर यानि दशहरा के दिन ओएफबी की सात अलग-अलग कंपनियां का शुभारंभ किया जाएगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दशहरा पर शस्त्र-पूजा के साथ ही इन ‌सातों कंपनियों को लॉन्च करेंगे. ओएफबी की कुल 41 फैक्ट्रियां और 70 हजार कर्मचारी हैं, जो अब एक बोर्ड की बजाए सात कंपनियों यानि डिफेंस-पीएसयू (पब्लिक सेक्टर यूनिट) से जुड़े होंगे.


सभी 41 फैक्ट्रियों को जो सात कंपनियों में बांटा गया है, वे हैं यानि गोला-बारूद से जुड़ी म्यूनेशन इंडिया लिमिटेड, राइफल, मशीनगन, तोप इत्यादि हथियार से जुड़ी एडवांस वैपन एंड इक्युपमेंट लिमिटेड,,टैंक, बीएमपी और ट्रक से जुड़ी आर्मर्ड व्हीकल्स ('अवनी'), सैनिकों की यूनिफॉर्म और टेंट इत्यादि से जुड़ी  ट्रूप कम्फर्ट लिमिटेड, ओप्टो-इलेक्ट्रोनिक्स से जुड़ी ऑपटिक्ल लिमिटेड,  पैराशूट ग्रुप और एनसेलेरी-ग्रुप से जुड़ी यंत्र सि‌स्टम और लिडर्स इंडिया. लिमिटेड.




रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, कॉर्पोरेटाइजेशन से ओएफबी की काम करने की शैली में बदलाव आएगा. इससे कंपनियों को काम करने की स्वायत्ता मिलने के साथ साथ काम करने में दक्षता और जवाबहेदी भी तय होगी. इस कदम से ओएफबी का उत्पादन बढ़ेगा और लाभदायक कंपनियां बनेंगी. इसके अलावा मार्केट में कॉम्पीटिशन भी बढ़ेगा.


केंद्र सरकार ने कॉर्पोरेटाइजेशन को मंजूरी देते हुए ओएफबी के सभी 70 हजार सिविल-डिफेंस कर्मचारियों को भरोसा दिलाया है कि किसी की भी छंटनी नहीं की जाएगी.  सभी 41 फैक्ट्रियों में काम करने वाले ए,बी और सी ग्रुप के कर्माचरियों को दो साल के लिए इन कॉर्पोरेट कंपनियों में डेप्यूटेशन पर भेज दिया जाएगा और उनकी केंद्र सरकार के कर्मचारी नियमों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.


आपको बता देंगे कि दो साल पहले सरकार ने जब कॉर्पोरेटाइजेशन की प्रक्रिया शुरू की थी तो ओएफबी की सभी फैक्ट्रियां हड़ताल पर चली गई थी. लेकिन सरकार के भरोसा दिलाने पर वापस काम पर लौट आई थीं. 


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