24 नवंबर को देश को नए चीफ जस्टिस मिलेंगे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट के दूसरे वरिष्ठतम जज जस्टिस सूर्य कांत को इस पद पर नियुक्त करने की सिफारिश को मंजूरी दे दी है. मौजूदा चीफ जस्टिस बी आर गवई ने 27 अक्टूबर को अपने उत्तराधिकारी के तौर पर जस्टिस कांत के नाम की सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी थी.
चीफ जस्टिस गवई 23 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. ऐसे में जस्टिस कांत 24 नवंबर को पद की शपथ लेंगे. उनका कार्यकाल 9 फरवरी, 2027 तक यानी लगभग 15 महीने का होगा. वह हरियाणा से आने वाले सुप्रीम कोर्ट के पहले चीफ जस्टिस होंगे.
2019 में बने सुप्रीम कोर्ट जज
जस्टिस सूर्य कांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार में हुआ. मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाले जस्टिस सूर्य कांत साल 2000 में हरियाणा के एडवोकेट जनरल बने. 2004 में वह पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के जज नियुक्त हुए. 2018 में वह हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बने और 24 मई 2019 को वह सुप्रीम कोर्ट के जज हुए.
कोर्ट में उदार रवैया
बतौर जज, दो दशक से अधिक का अनुभव रखने वाले जस्टिस सूर्य कांत कोर्ट में मुखर तौर पर अपनी बात कहते हैं. इसके साथ ही वह सभी वकीलों को भी अपनी बात रखने का पूरा अवसर देते हैं. कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने वाले पक्षकारों के प्रति उनका रवैया विशेष रूप से उदार होता है. वह कई बार परिवार के एक सदस्य की तरह उनकी समस्या को सुनते और समाधान सुझाते नज़र आते हैं.
CJI के अपमान पर नहीं जारी किया नोटिस
हाल ही में उन्होंने उदारता दिखाते हुए चीफ जस्टिस बी आर गवई की तरफ जूता उछालने वाले वकील को अवमानना का नोटिस जारी करने से मना किया था. उन्होंने कहा कि उस वकील पर आगे की कार्रवाई कर कोर्ट उसे महत्व नहीं देना चाहता.
बिहार SIR समेत कई बड़े मामलों की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने कई अहम मामलों की सुनवाई की है. इस समय भी वह बिहार SIR (मतदाता सूची पुनरीक्षण), शिवसेना चुनाव चिह्न विवाद, अवैध घुसपैठियों के निष्कासन और डिजिटल अरेस्ट समेत कई अहम मामलों को सुन रहे हैं.
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