Aditya-L1 Mission: इसरो का सौर मिशन आदित्य-एल1 हेलो ऑर्बिट में दाखिल हो गया है. इसको लेकर इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा है कि आज का कार्यक्रम केवल आदित्य-एल1 को सटीक हेलो कक्षा में स्थापित करना था. इसका सही जगह स्थापित होना संतोषजनक है.


सोमनाथ ने शनिवार (6 जनवरी) को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "यह एक हाई ऑर्बिट की ओर बढ़ रहा था. इसलिए हमें थोड़ा सुधार करना पड़ा. फिलहाल हमारी गणना के मुताबिक यह सही जगह पर है. हालांकि, हम अगले कुछ घंटों तक इस पर नजर रखेंगे और देखेंगे कि यह सही जगह पर है या नहीं."


'जैसा अनुमान लगाया गया था वैसा ही हुआ'
उन्होंने कहा, " यह हमारे लिए काफी संतोषजनक है, क्योंकि इससे साथ एक लंबी यात्रा का अंत हुआ है. लॉन्चिंग के 126 दिन बाद यह अपने आखिरी बिंदु पर पहुंच गया है. अंतिम बिंदु तक पहुंचना किसी के लिए भी एक चिंताजनक क्षण होता है. हम इसको लेकर पूरी तरह आश्वस्त थे. इसलिए जैसा अनुमान लगाया गया था वैसा ही हुआ. हम बहुत खुश हैं."


'बदलाव होने पर करना पड़ सकता है सुधार'
इसरो के अध्यक्ष ने बताया कि अगर इसमें थोड़ा सा भी बदलाव हुआ तो हमें इसमें सुधार करना पड़ सकता है. हमें ऐसा होने की उम्मीद नहीं है. हमारे पास कण के माप भी हैं कि सूर्य से क्या निकल रहा है. इसके अलावा हमारे पास लॉ और हाई एनर्जी एक्स-रे माप भी हैं.


उन्होंने कहा कि हमारे पास एक मैग्नेटोमीटर भी है, जो अंतरिक्ष चुंबकत्व (space magnetism) क्षेत्र  पर नजर रखता है. बहुत से लोग इस प्रभाव को जानने में दिलचस्पी रखते हैं. उम्मीद है कि आने वाले दिनों में बहुत सारी वैज्ञानिक जानकारियां मिलेंगी.  गौरतलब है कि शनिवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया आदित्य एल1 अपनी आखिरी और बेहद जटिल प्रक्रिया से होकर गुजरा और लैग्रेंज प्वाइंट में दाखिल हुआ.


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