अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड ने चीनी कंपनी ड्रैगनपास के साथ करार समाप्त कर दिया है. इस प्लेटफॉर्म पर एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस सेवाएं दी जाती थीं. कंपनी के प्रवक्ता ने पुष्टि की है कि ड्रैगनपास के ग्राहकों को अब अडानी की ओर से प्रबंधित एयरपोर्ट पर लाउंज तक पहुंच नहीं मिलेगी. हालांकि इस बदलाव से अन्य यात्रियों के लाउंस और यात्रा अनुभव पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

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अडानी ग्रुप ने चीन की कंपनी से तोड़ा करार

यह कदम अडानी डिजिटल लैब्स की ओर से ड्रैगनपास के साथ साझेदारी करने के एक सप्ताह बाद उठाया गया है, ताकि यात्रियों के एयरपोर्ट लाउंज और यात्रा अनुभव को बेहतर बनाया जा सके. अडानी डिजिटल लैब्स अडानी ग्रुप की इनोवेशन ब्रांच है, जो अरबों उपयोगकर्ताओं के आवश्यक सेवाओं को साथ संपर्क के तरीके को बदलने के लिए समर्पित है.

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ड्रैगनपास यात्रियों का संवेदनशील डेटा जैसे पासपोर्ट डिटेल्स और ट्रैवल हिस्ट्री संभालता है. ऐसे में चीन की कंपनियों पर डेटा शेयरिंग को लेकर पहले से ही संदेह बना हुआ है. पाकिस्तान की मदद करने को लेकर भारत में इस समय अजरबैजान, चीन और तुर्किए की कंपनी ओर सामानों का विरोध हो रहा है.

तुर्किए की कंपनी पर भी लिया गया एक्शन

इस बीच, भारत सरकार ने गुरुवार को तुर्की हवाई अड्डे की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है. नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) की ओर से ये फैसला लिया गया है. दिल्ली हवाई अड्डे पर सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड जमीनी रख-रखाव और सेलेबी दिल्ली कार्गो टर्मिनल मैनेजमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड माल ढुलाई टर्मिनल कार्यों की देखरेख कर रही थीं.

दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) ने बयान में कहा कि बीसीएएस के निर्देश का अनुपालन करते हुए उसने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआईए) पर जमीनी रख-रखाव और माल ढुलाई परिचालन के लिए जिम्मेदार सेलेबी कंपनियों के साथ अपने करार को औपचारिक रूप से समाप्त कर दिया है.

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