Acharya Pramod Krishnam Meeting With PM Modi: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक और झटका लगता दिख रहा है. बिहार में नीतीश कुमार के अलग होकर बीजेपी के साथ जाने के बाद अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के करीबी आचार्य प्रमोद कृष्णम भी पार्टी से अलग होते दिख रहे हैं. उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर जमकर तंज कसा है.


आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि बड़े नेता को अपनी मर्यादा और भाषा का ध्यान रखना चाहिए. कार्यकर्ताओं से पार्टी बनती है. कार्यकर्ता कर्मठ और कर्मवीर होता है. सवाल किसी एक पार्टी का नहीं, सभी पार्टियां कार्यकर्ताओं के खून पसीने की बुनियाद पर खड़ी हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस भी कार्यकर्ताओं की बुनियाद पर खड़ी है. इन्हें लेकर जिस तरह की भाषा का प्रयोग हुआ, उससे न सिर्फ मुझे बल्कि तमाम कार्यकर्ताओं के मन को ठेस पहुंची है. इसके लिए उन्हें क्षमा मांगनी चाहिए.


'राहुल गांधी तक नहीं पहुंचाया जा रहा मैसेज'


आचार्य प्रमोद कृष्णम यहीं नहीं रुके. उन्होंने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा. प्रमोद कृष्ण ने कहा कि वह राहुल गांधी से एक साल से मिलना चाहते हैं, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो पा रही है. इसके पीछे की एक वजह ये भी हो सकती है कि मेरा संदेश शायद उन तक नहीं पहुंचाया जा रहा है. जबकि, प्रधानमंत्री कार्यालय को फोन करने के बाद चार दिन बाद ही पीएम नरेंद्र मोदी ने मिलने का समय दे दिया.


2019 में कांग्रेस ने लखनऊ से बनाया था उम्मीदवार 


आचार्य प्रमोद कृष्णम ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और कहा था कि पीएम को दैवीय शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त है. इसके बाद 4 फरवरी को उन्‍होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की. इसके अलावा इन्होंने पीएम मोदी की ओर से सोमवार (5 फरवरी) को लोकसभा में दिए भाषण की भी जमकर तारीफ की है.


इन दोनों मुलाकातों और पीएम की लगातार तारीफ के बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि प्रमोद कृष्णम कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. आचार्य प्रमोद कृष्ण 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में राजनाथ सिंह के खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर लखनऊ से उम्मीदवार थे.


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