श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में हिजबुल के टॉप कमांडर आतंकी रियाज नायकू के मारे जाने के बाद अब नए कमांडर के लिए तलाश भी शुरू हो गयी है. सूत्रों के मुताबिक नायकू के मारे जाने के बाद हिजबुल में सैफुल्लाह मीर और जुनैद सहराई का नाम सबसे आगे आ रहा है. सूत्र बता रहे हैं कि हिजबुल के डिप्टी चीफ डॉ सैफुल्लाह का नाम ज्यादा चर्चा में है.


सूत्रों के अनुसार हिजबुल के पाकिस्तान में छिपे बैठे कमांडर ने एक बार फिर कश्मीर में अपने नापाक मंसूबों को जारी रखने के लिए नए कमांडर की तलाश शुरू कर दी है. सूत्र बता रहे हैं कि जहां हिजबुल के पाकिस्तान में बैठे कमांडर सैफुल्लाह मीर के प्रति नरम रूख अख्तियार किया है तो वहीं कश्मीर में ज्यादातर सक्रिय आतंकी पढ़े लिखे जुनैद सहराई के नाम के साथ हैं.


जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार रियाज नायकू के मारे जाने के बाद हिजबुल के लिए अब कश्मीर घाटी में काम करना बहुत मुश्किल होगा और खास तौर पर दक्षिण कश्मीर में जहां इस संगठन की पैठ है. अब लश्कर, जैश, अंसार गज्वातुल हिंद और नयी तंजीम TRF भी अब वर्चस्व के लिए मैदान में आ जाएंगे.


आतंकी सैफुल्लाह पिछले आठ साल से दक्षिण कश्मीर में सक्रिय है और बुरहान वानी से लेकर रियाज नायकू के साथ दक्षिण कश्मीर में पहले हिजबुल के नेटवर्क से वाकिफ है. 2012 में पुलवामा के पदगामपोरा का रहने वाला सैफुल्लाह मीर हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हुआ था. तब वह पेरा मेडिकल ट्रेनिंग पूरी कर मेडिकल असिस्टेंट के तौर पर काम कर रहा था.


मिलिटेंट बुरहान वानी के हिजबुल प्रमुख बन्ने पर सैफुल्लाह के जिम्मे जख्मी होने वाले आतंकियों का उपचार का काम सौंपा गया. उसने कई आतंकियों को इस काम में ट्रेनिंग भी दी. 2017 में रियाज़ नायकू के ऑपरेशनल कमांडर बनने के समय डॉ सैफुल्लाह को उसका डिप्टी बनाया गया था.


वहीं सूत्रों के मुताबिक कुछ कश्मीर में सक्रिय आतंकियों की मांग है कि हुर्रियत प्रमुख अशरफ सहराई के बेटे जुनैद सहराई को हिजबुल की कमान सौंपी जाए. जुनैद MBA की पढ़ाई पूरी कर कश्मीर लौटा ही था जब वह 2018 के मार्च महीने में हिज्ब में शामिल हुआ था. इसके बाद जुनैद ने श्रीनगर और बडगाम में कई बड़ी आतंकी घटनाओं को अंजाम दे कर हिजबुल में अपने आप को बड़े कमांडरों में शामिल कर लिया.


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