नई दिल्ली: गायक सोनू निगम के बयान से उठे विवाद के बाद देश के अलग अलग शहरों में आज सुबह एबीपी न्यूज रिपोर्टर्स ने पड़ताल की कि आखिर अजान से कितना ध्वनि प्रदूषण होता है. सभी रिपोर्टर्स सुबह चार से पांच बजे के बीच अलग अलग शहरों में अजान के वक्त पहुंचे और जमीनी हकीकत का पता लगाया.


क्या मुंबई में अजान से होता है ध्वनि प्रदूषण?


मुंबई में सोनू निगम के घर से 500 मीटर की दूरी पर एक मस्जिद है. सुबह करीब पांच बजे अजान के वक्त एबीपी न्यूज़ की टीम ने मोबाइल में ध्वनि प्रदूषण की जांच की. इस दौरान अजान के वक्त 60 और 77 डेसिबल के बीच ध्वनि प्रदूषण रिकॉर्ड किया गया. इसका मतलब ये हुआ कि नियम से औसत से 23.5 डेसिबल ज्यादा ध्वनि पर अजान दी जा रही थी.



क्या दिल्ली में अजान से होता है ध्वनि प्रदूषण?


मुंबई के अलावा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी अजान से होने वाले ध्वनि प्रदूषण की जांच की गई. दिल्ली में चांदनी चौक की फतेहपुरी मस्जिद और जामा मस्जिद में जब सुबह अजान हुई उस वक्त 60-80 में डेसिबल के बीच ध्वनि प्रदूषण रिकॉर्ड किया गया. यहां भी नियम से औसत 25 डेसिबल ज्यादा ध्वनि पर अजान दी जा रही थी.



क्या जयपुर में अजान से होता है ध्वनि प्रदूषण?


जयपुर में भी सुबह अजान के वक़्त जब इस मामले की पड़ताल की गई तो ये बात सामने आई कि मस्जिदों से लाउडस्पीकरों के जरिये गूंजने वाली अजान की आवाज़े ध्वनि प्रदूषण के स्तर तक हैं. जयपुर के मोती डूंगरी इलाके के मुस्लिम मुसाफिर खाने की मस्जिद में जब अजान शुरू हुई तो ध्वनि प्रदूषण 97 डेसिबल तक पहुंच गया. यानी भी नियम से दो गुने डेसिबल पर अजान दी जा रही थी.



क्या लखनऊ में अजान से होता है ध्वनि प्रदूषण?


यूपी की राजधानी लखनऊ के लालबाग इलाक़े में मशहूर जामा मस्जिद के अलावा सात और मस्जिद हैं. सुबह की अजान का कितना असर होता है ये जानने के लिए एबीपी न्यूज़ की टीम ने इन मस्जिदों से करीब पांच सौ मीटर दूर नगर निगम दफ़्तर पर कैमरा लगाया. सुबह साढ़े चार बजे अजान की हल्की आवाज़ आई. इस दौरान 64 डेसिबल ध्वनि प्रदूषण रिकॉर्ड किया गया. जबकि रिहाइशी इलाकों में सुबह 45 डेसिबल ध्वनि प्रदूषण होना चाहिए.



क्या इलाहाबाद में अजान से होता है ध्वनि प्रदूषण?


यूपी के इलाहाबाद में पड़ताल करने पर पता चला कि यहां करीब 15 मिनट तक अलग-अलग मस्जिदों की अजान होती है. इलाहाबाद के करेली इलाके में पहली नमाज साढ़े चार से पांच बजे के बीच होती है. पड़ताल में पता चला कि अजान के वक्त मस्जिद से 100 मीटर के दायरे में ध्वनि प्रदूषण तीन से पांच गुना बढ़ जाता है. अजान से पहले साउंड मीटर दस से पंद्रह डिसेबल का शोर बताता है. लेकिन जब अजान शुरू होती है तब ये बढ़कर 60 से 80 डेसिबल तक पहुंच गया.



क्या मुरादाबाद में अजान से होता है ध्वनि प्रदूषण?


यूपी के मुरादाबाद में भी एबीपी न्यूज़ ने अजान से होने वाले ध्वनि प्रदूषण की जांच की. यहां पुराने शहर के चौकी हसन खान इलाके के आसपास कई मस्जिदे हैं. मस्जिद के बिलकुल पास में दस मीटर की दूरी पर ध्वनि का स्तर 60 से 70 डेसिबल और मस्जिद से 200 मीटर की दूरी पर 40 से 50 डेसिबल मिला. हालांकि आबादी ज्यादा होने के कारण मस्जिद से 500 मीटर दूर पर अज़ान की आवाज़ बिलकुल सुनाई नहीं देती.



मस्जिदों में नमाज से पहले होने वाली अज़ान की बुलंद आवाज को लेकर देश भर विवाद चल रहा है, लेकिन मुस्लिम धर्म के लोग मानते है कि इससे किसी तरह का खलल लोगों की नींद में नहीं पड़ता.


ट्वीट कर क्या बोला था सोनू निगम ने?


अजान पर सोनू निगम ने ट्वीट किया था, ‘’भगवान सबको आशीर्वाद दें. मैं मुस्लिम नहीं हूं लेकिन रोज सुबह मुझे अजान की आवाज से उठना पड़ता है.’’ उन्होंने आगे लिखा, ‘’आखिर कब भारत से ये जबरन धार्मिक भावना थोपना खत्म होगा? वैसे जब मोहम्मद ने इस्लाम बनाया था तब बिजली नहीं थी.’’



निगम ने ये भी कहा, ‘’मुझे नहीं लगता कि कोई मंदिर या गुरुद्वारा बिजली का इस्तेमाल उन लोगों को जगाने के लिए करते हैं जो उस धर्म का पालन नहीं करते. तो फिर ऐसा क्यों?  गुंडागर्दी है बस.’’ कल सोनू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले पर सफाई भी दी थी. उन्होंने कहा था कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है. जबकि उन्हें अजान से नहीं बल्कि लाउडस्पीकर से दिक्कत है.