दर्शकों और पाठकों से जुड़ने के लिए एबीपी न्यूज़ ने एक बड़ी पहल की है. किसी भी ख़बर पर दर्शक के मन में कोई सवाल है तो वो अब सीधे हमसे पूछ सकते है. एबीपी न्यूज की टीम दर्शकों के हर सवाल का जवाब देने की पूरी कोशिश करेगी.


सवाल: लखनऊ से सुशील उपाध्याय जानना चाहते हैं कि कर्नाटक में कौन जीता और किसे कितनी सीटें मिलीं?


जवाब: कर्नाटक में पूर्ण बहुमत किसी पार्टी को नहीं मिला है, बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78, जेडीएस को 38, केपीजेपी को 1 और निर्दलीय को 1 सीट मिली हैं. कर्नाटक में विधानसभा की 224 सीटें हैं लेकिन चुनाव 222 सीटों पर ही हुआ था. इसलिए अब बीजेपी को बहुमत के लिए 112 सीटें चाहिए.


सवाल: इलाहाबाद से गौरव पांडे जानना चाहते हैं कि कर्नाटक चुनाव में बीजेपी को कितने वोट मिले हैं?


जवाब: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 36.2 %, कांग्रेस को 38 %, जेडीएस को 18.3% वोट मिले हैं.


सवाल: दिल्ली से प्रमोद कुमार जानना चाहते हैं कि बीएसपी को कितनी सीट मिली हैं?


जवाब: कर्नाटक चुनाव में बीएसपी को 1 सीट मिली है. बीएसपी की कर्नाटक यूनिट के अध्यक्ष एन महेश ने राज्य की कोल्लेगला विधानसभा सीट पर जीत हासिल की है. दलित बाहुल्य यह सीट आरक्षित है.


सवाल: कोडिनार से सोयाब मेमन जानना चाहते हैं कि बीजेपी के पास बहुमत नहीं है तो सरकार कैसे बना रही है?


जवाब: बीजेपी बहुमत के जादुई आंकड़े से आठ सीट पीछे है. राज्यपाल वजुभाई वाला ने बीजेपी के बीएस येदुरप्पा को सीएम पर की शपथ तो दिला दी है लेकिन बीजेपी को 15 दिन के अंदर विधानसभा में बहुमत साबित करना पड़ेगा.


बीजेपी के पास अपने 104 विधायक है. अगर निर्दलीय, केपीजेपी, बीएसपी के तीन विधायकों का समर्थन भी बीजेपी को मिल जाता है तो ये आंकड़ा 107 सीट का हो जाएगा. पिछले 24 घंटों से कांग्रेस के चार विधायक लापता हैं. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या लापता ये चारों विधायक बीजेपी के साथ चले जाएंगे. अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी के पास आंकड़ा 111 हो जाएगा जो बहुमत से एक सीट कम होगा. हालांकि ये दल-बदल कानून के खिलाफ होगा.


सवाल: अहमदाबाद से प्रशांत जयमिने जानना चाहते हैं कि दल बदलने पर विधानसभा में अयोग्यता से बचने के लिए कितने विधायक चाहिए?


जवाब: अगर किसी पार्टी के दो-तिहाई विधायक अलग होकर नई पार्टी बना लें तो अयोग्यता से बच सकते हैं, इसके अलावा कोई विधायक अगर बहुमत परीक्षण के दिन अनुपस्थित हो जाए तो भी दल-बदल कानून से बच सकता है.


कल सुप्रीम कोर्ट देर रात तक चली ऐतिहासिक सुनवाई में कांग्रेस ने कहा कि अगर उनकी या जेडीएस की पार्टी से नेता बीजेपी में शामिल होते हैं तो यह दल बदल माना जाएगा. केंद्र सरकार की दलील है कि सांसदों या विधायकों को पार्टी बदलने से रोकने वाला दल बदल कानून नव निर्वाचित सदस्यों पर तब तक लागू नहीं होता, जब तक कि वह शपथ नहीं ले लेते. हालांकि कोर्ट ने इस दलील को बेतुका बताते हुए इस खुले आम सौदा करने के लिए दिया गया न्यौता करार दिया.